बीजापुर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शासन की 'नियद नेल्ला नार' योजना का विस्तार
बीजापुर, 4 नवंबर (आईएएनएस)। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास और सुरक्षा को समानांतर गति देने की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, जिला बीजापुर के थाना गंगालूर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम डोडीतुमनार में मंगलवार को नवीन सुरक्षा एवं जन-सुविधा कैम्प की स्थापना की गई है।
यह कैम्प छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना 'नियद नेल्ला नार' (हमारा गांव हमारा उजाला) के अंतर्गत ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं और सुरक्षा दोनों उपलब्ध कराने की दिशा में एक अहम पहल है।
इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति अत्यंत दुर्गम होने के बावजूद सुरक्षा बलों ने अदम्य साहस और दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए कैम्प की स्थापना कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न किया। यह कैम्प बीजापुर-गंगालूर-पीड़िया-तर्रेम मार्ग को जोड़ने के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास की नई संभावनाओं का द्वार खोल रहा है। डोडीतुमनार क्षेत्र लंबे समय से नक्सली गतिविधियों से प्रभावित रहा है। ऐसे में इस क्षेत्र में कैम्प की स्थापना न केवल सुरक्षा की दृष्टि से बल्कि ग्रामीण विकास की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। कठिन पहाड़ी रास्ते, घने जंगल और प्रतिकूल मौसम जैसी परिस्थितियों के बावजूद सुरक्षा बलों ने अपने समर्पण, कर्तव्यनिष्ठा और तकनीकी कुशलता का परिचय देते हुए कैम्प निर्माण का कार्य पूरा किया।
कैम्प की स्थापना से आसपास के गांवों में सड़क, पुल-पुलिया, स्वास्थ्य, शिक्षा, संचार, बिजली, पेयजल और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) जैसी सुविधाओं की पहुंच में उल्लेखनीय सुधार होगा। मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट कनेक्टिविटी के विस्तार से न केवल शासन-प्रशासन की योजनाएं प्रभावी ढंग से लागू होंगी बल्कि युवाओं को डिजिटल शिक्षा और रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
सुरक्षा कैम्प से नक्सल विरोधी अभियानों में तेजी आने के साथ-साथ ग्रामीणों का विश्वास भी शासन-प्रशासन के प्रति और मजबूत हुआ है। “नियद नेल्ला नार” योजना के माध्यम से सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी ग्रामीण क्षेत्र को विकास की मुख्यधारा से वंचित न रखा जाए और ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाओं के साथ आत्मनिर्भरता और सुरक्षा का अनुभव हो सके।
साल 2024 से अब तक बीजापुर जिले में कुल 22 नवीन सुरक्षा कैम्प स्थापित किए जा चुके हैं। इन सतत प्रयासों के परिणामस्वरूप 650 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं, 196 माओवादी मुठभेड़ों में मारे गए, तथा 995 माओवादी गिरफ्तार किए गए हैं। हाल ही में बस्तर संभाग में 210 माओवादियों द्वारा सामूहिक आत्मसमर्पण नक्सल उन्मूलन के क्षेत्र में एक बड़ी रणनीतिक उपलब्धि साबित हुई है।
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Created On :   4 Nov 2025 11:43 PM IST












