'सुरक्षित और स्थिर हिंद महासागर’ के लक्ष्य पर केंद्रित समुद्री सुरक्षा संगोष्ठी संपन्न

सुरक्षित और स्थिर हिंद महासागर’ के लक्ष्य पर केंद्रित समुद्री सुरक्षा संगोष्ठी संपन्न
हिंद महासागर क्षेत्र में वास्तविक समय समन्वय और सूचना साझाकरण को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से आयोजित तीन दिवसीय समुद्री सूचना साझाकरण कार्यशाला (एमआईएसडब्‍ल्‍यू-25) के अंतर्गत समुद्री सुरक्षा संगोष्ठी बुधवार को संपन्न हुई।

नई दिल्ली, 5 नवंबर (आईएएनएस)। हिंद महासागर क्षेत्र में वास्तविक समय समन्वय और सूचना साझाकरण को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से आयोजित तीन दिवसीय समुद्री सूचना साझाकरण कार्यशाला (एमआईएसडब्‍ल्‍यू-25) के अंतर्गत समुद्री सुरक्षा संगोष्ठी बुधवार को संपन्न हुई।

इस आयोजन की मेजबानी इन्फॉर्मेशन फ्यूजन सेंटर – इंडियन ओशन रीजन (आईएफसी-आईओआर) ने की, जिसमें 30 देशों के 57 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इनमें आईओआर, डीसीओसी और बिम्सटेकजैसे क्षेत्रीय संगठनों के सदस्य भी शामिल थे।

संगोष्ठी का उद्घाटन नौसेना उप प्रमुख वाइस एडमिरल तरुण सोबती ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में उभरती समुद्री चुनौतियों से निपटने के लिए अंतरसंचालनीयता, सहयोग और विश्वास-आधारित साझेदारी की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है।

इसके बाद शिपिंग महानिदेशालय के अतिरिक्त महानिदेशक सुशील मानसिंह खोपड़े ने मुख्य भाषण में भारत की समुद्री सुरक्षा पहलों और क्षेत्रीय साझेदारी के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “भारत सहयोगात्मक सहभागिता और नियामक समन्वय के माध्यम से पूरे हिंद महासागर क्षेत्र की समुद्री सुरक्षा संरचना को मजबूत करने की दिशा में निरंतर कार्यरत है।”

दो दिवसीय संगोष्ठी के दौरान प्रतिभागियों ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया, जिनमें क्षेत्रीय सुरक्षा गतिशीलता, सूचना नेटवर्क की भूमिका, परिचालन समन्वय, समुद्री कानून, उद्योग जगत का दृष्टिकोण और अंतरराष्ट्रीय समुद्री अपराध शामिल थे।

तकनीकी एकीकरण और डाटा अंतरसंचालनीयता को एक लचीले तथा उत्तरदायी समुद्री सुरक्षा ढांचे के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण बताया गया।

कार्यक्रम के समापन पर रियर एडमिरल निर्भय बापना (सीएस एनसीओ) ने कहा, “क्षेत्रीय सूचना-साझाकरण ढांचों के बीच बेहतर तालमेल और निरंतर संवाद ही सुरक्षित समुद्री क्षेत्र की कुंजी है।”

समुद्री सूचना साझाकरण कार्यशाला का अगला चरण 5 नवंबर को आयोजित होगा, जब आईएफसी-आईओआर में एक टेबल टॉप एक्सरसाइज (टीटीएक्‍स) आयोजित की जाएगी। यह अभ्यास स्वदेशी रूप से विकसित मैरीटाइम एनालिटिकल टूल फॉर रीजनल अवेयरनेस (एमएएनटीआरए) सॉफ्टवेयर पर आधारित होगा।

इस दौरान प्रतिभागी समुद्री डकैती, नशीली दवाओं की तस्करी, अवैध मानव प्रवास और समुद्र में संकट जैसी परिकल्पित स्थितियों का सामना करेंगे। यह अभ्यास बहु-एजेंसी समन्वय, त्वरित सूचना साझाकरण और समन्वित प्रतिक्रिया योजनाओं पर केंद्रित रहेगा।

अधिकारियों के मुताबिक, इस पहल का उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र में वास्तविक समय में सूचना साझाकरण की प्रक्रियाओं को परिष्कृत करना और प्रतिभागियों को समुद्री घटनाओं की रिपोर्टिंग की जटिलताओं पहचान, सत्यापन, प्रसार और प्रतिक्रिया से अवगत कराना है।

इस कार्यशाला को भारत की 'सुरक्षित और स्थिर हिंद महासागर' की परिकल्पना की दिशा में एक सशक्त कदम माना जा रहा है।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   5 Nov 2025 11:24 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story