लखपति दीदी पहल महिलाओं के नेतृत्व में विकास का प्रतीक, उपराष्ट्रपति ने दिया संदेश
राजनांदगांव, 5 नवंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में बुधवार को 'लखपति दीदी सम्मेलन' में उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन शामिल हुए। उपराष्ट्रपति ने इस सम्मेलन में लखपति दीदी पहल की सराहना की और इसे महिलाओं की ताकत, आत्म-सम्मान और आर्थिक स्वतंत्रता का प्रतीक बताया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रामेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साई, विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और कई अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने कहा कि यह पहल दर्शाती है कि महिलाएं चुनौतियों को अवसर में बदल रही हैं और महिला नेतृत्व में विकास की मिसाल पेश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं आगे बढ़ती हैं तो परिवार और फिर देश भी तरक्की करता है। उन्होंने छत्तीसगढ़ की दीदियों की मेहनत और नेतृत्व क्षमता की भी प्रशंसा की, जिन्होंने स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता के जरिए ग्रामीण जीवन और स्थानीय लोकतंत्र को मजबूत किया है।
उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने कहा कि लखपति दीदी सिर्फ आमदनी का नाम नहीं है, बल्कि इसमें आत्मनिर्भरता, आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास का भाव है। उन्होंने देशभर में महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे हजारों स्वयं सहायता समूहों की भी तारीफ की, जो कठिन मेहनत, अनुशासन और एकजुटता के जरिए जीवन बदल रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन करोड़ लखपति दीदियों का सपना महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है।
छत्तीसगढ़ में इस पहल के तहत पांच लाख महिलाएं स्वयं सहायता समूहों और आय-सृजन गतिविधियों के जरिए आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो चुकी हैं। राज्य सरकार और जिला प्रशासन, राजनांदगांव की मदद से 9,663 एसएचजी में एक लाख से ज्यादा महिलाएं जुड़ी हैं और 700 करोड़ रुपए से अधिक की वित्तीय सहायता दी गई है। इसके अलावा, महिला सम्मान योजना के तहत 13,000 करोड़ रुपए सीधे लाभार्थियों को दिए गए हैं।
उपराष्ट्रपति ने राजनांदगांव में महिलाओं के सशक्तिकरण की स्थिति की भी तारीफ की। यहां 1,000 से ज्यादा महिलाएं पंचायत, सरपंच, जनपद और जिला पंचायत में काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र केवल संसद तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्राम सभा, पंचायत और स्वयं सहायता समूहों में भी जीवित है। इस पहल से स्थानीय लोकतंत्र मजबूत होता है, पारदर्शिता बढ़ती है और लोगों की भागीदारी सुनिश्चित होती है।
उन्होंने यह भी कहा कि आज महिलाएं केवल घर तक सीमित नहीं हैं, बल्कि प्रशासनिक और आर्थिक क्षेत्र में भी आगे बढ़ रही हैं और आने वाले नेतृत्व के लिए प्रेरणा बन रही हैं। उन्होंने लखपति दीदियों के साहस और दृढ़ता की सराहना की और कहा कि जल्द ही वे करोड़पति दीदियों के रूप में सामने आएंगी।
छत्तीसगढ़ में पिछले सालों में काफी विकास हुआ है। पहले यहां पानी, बिजली और आधारभूत सुविधाओं की कमी थी, लेकिन अब यह राज्य पूरे देश के लिए बिजली उत्पादन करता है और स्वास्थ्य सेवाओं में भी महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। उन्होंने नक्सल समस्या के समाधान में प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, राज्य सरकार और सुरक्षा बलों के सहयोग की भी प्रशंसा की।
उपराष्ट्रपति ने महिलाओं की मेहनत और समर्पण को क्रिकेट टीम की हालिया विश्व कप जीत से जोड़ते हुए कहा कि महिलाओं का साहस और संघर्ष समाज और देश की प्रगति में अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के गठन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दृष्टि को भी याद किया और गर्व व्यक्त किया कि उन्होंने सांसद के रूप में उस बिल का समर्थन किया था।
उपराष्ट्रपति ने नए पांच मंजिला उदयचल स्वास्थ्य एवं अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन भी किया और इसके दृष्टि और काम की सराहना की। उन्होंने नेत्र ज्योति अभियान, आयुष्मान भारत, आयुष्मान आरोग्य मंदिर जैसी स्वास्थ्य पहलों की भी तारीफ की, जो देशभर में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बना रही हैं।
इसके अलावा उपराष्ट्रपति ने नवा रायपुर में भारतीय वायु सेना की सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम की शानदार प्रदर्शनी भी देखी। इस प्रदर्शन ने उत्साह और देशभक्ति की भावना को बढ़ाया और दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|
Created On :   5 Nov 2025 11:39 PM IST












