केंद्र सरकार के कदम खींचने के बाद भी पंजाब यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन जारी, सीनेट चुनाव घोषित करने की मांग

केंद्र सरकार के कदम खींचने के बाद भी पंजाब यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन जारी, सीनेट चुनाव घोषित करने की मांग
शिक्षा मंत्रालय पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) के सीनेट में ढांचागत बदलावों को रद्द करवाने से जुड़ी छात्रों की मांग पहले ही मान चुका है, लेकिन अब छात्र सीनेट चुनाव की तारीख की घोषणा की मांग कर रह हैं। उनका कहना है कि तारीख की घोषणा होने के बाद ही प्रदर्शन वापस लिया जाएगा।

चंडीगढ़, 10 नवंबर (आईएएनएस)। शिक्षा मंत्रालय पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) के सीनेट में ढांचागत बदलावों को रद्द करवाने से जुड़ी छात्रों की मांग पहले ही मान चुका है, लेकिन अब छात्र सीनेट चुनाव की तारीख की घोषणा की मांग कर रह हैं। उनका कहना है कि तारीख की घोषणा होने के बाद ही प्रदर्शन वापस लिया जाएगा।

इसे लेकर सोमवार सुबह से ही छात्र बड़ी संख्या में कुलपति कार्यालय के बाहर जुटने लगे। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं, वहीं कैंपस के आसपास की दुकानें और दफ्तर बंद रखने की अपील की गई है।

दरअसल, यह विरोध उस समय शुरू हुआ, जब केंद्र सरकार ने 28 अक्टूबर को एक अधिसूचना जारी कर पंजाब यूनिवर्सिटी की दो मुख्य शासी संस्थाओं (सीनेट और सिंडिकेट) को भंग कर दिया था। सरकार ने इनकी जगह एक नया बोर्ड ऑफ गवर्नर्स बनाने की घोषणा की। इस बोर्ड में ज्यादातर सदस्य केंद्र द्वारा नामित किए जाने थे। इस फैसले के बाद पंजाबभर में विरोध की लहर दौड़ गई। छात्रों, शिक्षकों और राजनीतिक दलों ने इसे राज्य की सबसे पुरानी और स्वायत्त यूनिवर्सिटी पर नियंत्रण करने की कोशिश बताया।

आलोचना के बाद केंद्र सरकार को कदम पीछे खींचना पड़ा। गुरुवार को शिक्षा मंत्रालय ने नया नोटिफिकेशन जारी कर पहले वाले आदेश को वापस ले लिया और पुराने ढांचे को बहाल कर दिया।

हालांकि छात्रों का कहना है कि वास्तव में कुछ भी नहीं बदला। यूनिवर्सिटी के पास अब भी अपनी सीनेट नहीं है और लगातार नोटिफिकेशन और उसके वापस लेने के कारण छात्रों का भरोसा पूरी तरह हिल गया है। इसलिए 10 नवंबर (सोमवार) को प्रस्तावित विश्वविद्यालय बंद रखने का फैसला बरकरार रहेगा।

केंद्र ने अपने पहले प्रस्ताव में सीनेट के 97 सदस्यों की संख्या घटाकर 31 करने, सिंडिकेट के चुनाव खत्म करने और रजिस्टर्ड ग्रेजुएट सीटें खत्म करने की बात कही थी, हालांकि पंजाब और चंडीगढ़ से जुड़े एक्स-ऑफिसियो सदस्यों की संख्या में कोई बदलाव नहीं किया गया था।

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Created On :   10 Nov 2025 11:41 AM IST

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