वंदे मातरम को देशभक्ति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए एसटी हसन

वंदे मातरम को देशभक्ति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए एसटी हसन
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता एसटी हसन ने कहा कि मुसलमान पिछले 150 सालों से वंदे मातरम का विरोध करते आ रहे हैं। इसकी वजह यह है कि इसमें ऐसे विचार शामिल हैं जो इस्लाम के खिलाफ हैं।

मुरादाबाद, 10 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता एसटी हसन ने कहा कि मुसलमान पिछले 150 सालों से वंदे मातरम का विरोध करते आ रहे हैं। इसकी वजह यह है कि इसमें ऐसे विचार शामिल हैं जो इस्लाम के खिलाफ हैं।

उन्होंने कहा कि हम अल्लाह के अलावा किसी और की इबादत नहीं कर सकते। वंदे मातरम में जमीन की इबादत की जाती है। अगर हम अल्लाह के अलावा किसी और की इबादत करते हैं तो इसका मतलब है कि हम अल्लाह की दिव्यता में किसी और को शामिल कर रहे हैं, जिसकी हमारे पवित्र कुरान में सख्त मनाही है।

अल्लाह ने सबको पैदा किया, अल्लाह ने सारी चीजें बनाई हैं। अल्लाह ने इंसान को एक सर्वोच्च प्राणी बनाया है। बाकी चीजें (हवा, पानी, धरती और आसमान) इंसान के लिए बनाई हैं, इसलिए हम वंदे मातरम की पूजा नहीं कर सकते।

उन्होंने कहा कि आज तक किसी मुसलमान ने राष्ट्रगान का विरोध नहीं किया। फिर वंदे मातरम को देशभक्ति से क्यों जोड़ा जा रहा है? मुसलमान अपने देश और मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर सकता है। ऐसा कहीं नहीं लिखा कि जो वंदे मातरम पढ़ेगा, वो ही सच्चा देशभक्त कहलाएगा।

समाजवादी पार्टी के नेता एसटी हसन ने कहा कि अगर वंदे मातरम में भूमि पूजन शामिल है तो हम इसे नहीं गाएंगे। अगर इसमें भूमि पूजन शामिल नहीं है तो हम इसे 101 बार गाएंगे।

आरएसएस में सभी लोगों के शामिल होने से जुड़े संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर समाजवादी पार्टी के नेता एसटी हसन ने कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि हर कोई आरएसएस में शामिल हो, खासकर अगर आरएसएस मुसलमानों को भी शामिल करे और उन्हें अपने गोपनीय मामलों में शामिल करे।

वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'वंदे मातरम' वाले बयान पर समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने कहा कि न तो पूरा देश हिंदू है और न ही पूरा देश मुसलमान है। दरअसल, इस देश का हर व्यक्ति एक नागरिक है, जो अपने धर्म का अपने तरीके से पालन करता है, लेकिन सरकार को अपने कर्तव्यों के अनुसार काम करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे संविधान का पालन करें।

उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ को समझना चाहिए कि वह एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में राजा नहीं, बल्कि एक मुख्यमंत्री हैं। उन्हें यह समझना होगा कि देश का हर नागरिक—चाहे वह हिंदू हो, मुस्लिम हो, सिख हो, या ईसाई—देश का नागरिक है और इस समझ को बनाए रखा जाना चाहिए।

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Created On :   10 Nov 2025 8:30 PM IST

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