औद्योगिक विकास के लिए एक राष्ट्रीय मॉडल के रूप में उभर रहा आंध्र प्रदेश उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन
विशाखापत्तनम, 14 नवंबर (आईएएनएस)। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को विशाखापत्तनम में 30वें भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) साझेदारी शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। व्यापारिक नेताओं, नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के दिग्गजों और वैश्विक साझेदारों सहित 2,500 से अधिक प्रतिनिधियों की सभा को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के त्वरित औद्योगिक और आर्थिक विकास को रेखांकित किया।
सीपी राधाकृष्णन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि करोड़ों लोगों को गरीबी से ऊपर उठाना प्रधानमंत्री मोदी की सबसे बड़ी उपलब्धि है, जो धन और अवसर पैदा करने वाली सतत आर्थिक गतिविधि को प्रोत्साहित करके संभव हुआ है।
उन्होंने देश में सबसे अनुकूल व्यावसायिक वातावरण बनाने के लिए मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली आंध्र प्रदेश सरकार की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि नवाचार, बुनियादी ढांचे के विकास और व्यापार-अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के मुख्यमंत्री के प्रयासों ने आंध्र प्रदेश को औद्योगिक विकास के लिए एक राष्ट्रीय मॉडल के रूप में स्थापित किया है।
उपराष्ट्रपति ने दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में भारत की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस अपने सर्वोत्तम स्तर पर है, क्योंकि हर क्षेत्र में सुधार हो रहे हैं, चाहे वह श्रम कानून हों, कर सुधार हों, बुनियादी ढांचे का विकास हो, या डिजिटल इंडिया जैसी डिजिटल पहल हों।
उन्होंने कहा कि भारत में निवेश करने का यह सही समय है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र है और स्वच्छ प्रौद्योगिकी का एक प्रमुख निर्यातक बनने की ओर अग्रसर है, जो पर्यावरणीय रूप से सतत विकास के प्रति देश की प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है।
राधाकृष्णन ने समतापूर्ण और समावेशी वैश्विक सहयोग के प्रति भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि की और इस बात पर जोर दिया कि भारत सभी देशों के साथ, चाहे उनका आकार कुछ भी हो, समान व्यवहार करता है। उन्होंने आंध्र प्रदेश के एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था प्राप्त करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर विश्वास व्यक्त किया और इस बात पर जोर दिया कि यह शिखर सम्मेलन समावेशी विकास को बढ़ावा देने और भारत को एक वैश्विक आर्थिक नेता के रूप में स्थापित करने के लिए प्रौद्योगिकी, विश्वास और व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करेगा।
उपराष्ट्रपति ने आशा व्यक्त की कि विशाखापत्तनम निवेश के लिए एक स्वर्ग बनेगा और आंध्र प्रदेश क्वांटम प्रौद्योगिकी और हरित हाइड्रोजन का केंद्र बनेगा।
इस मौके पर आंध्र प्रदेश के राज्यपाल एस अब्दुल नजीर, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू, केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा आदि मौजूद रहे।
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Created On :   14 Nov 2025 9:02 PM IST












