राजद ने राजनीति के सारे मूल्य कूड़ेदान में फेंक दिया नीरज कुमार

राजद ने राजनीति के सारे मूल्य कूड़ेदान में फेंक दिया नीरज कुमार
बिहार में नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह के बाद आरोप-प्रत्यारोप और बयानबाजियों का दौर तेज हो गया है। आरजेडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में एनडीए नेताओं के पारिवारिक राजनीतिक संबंधों का हवाला देकर आरोप लगाया कि नई सरकार की सत्ता संरचना राजनीतिक वंशवाद से भरी हुई है। जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने आरजेडी के इस आरोप पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।

पटना, 21 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार में नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह के बाद आरोप-प्रत्यारोप और बयानबाजियों का दौर तेज हो गया है। आरजेडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में एनडीए नेताओं के पारिवारिक राजनीतिक संबंधों का हवाला देकर आरोप लगाया कि नई सरकार की सत्ता संरचना राजनीतिक वंशवाद से भरी हुई है। जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने आरजेडी के इस आरोप पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।

नीरज कुमार ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि सवाल उठाने वालों की अपनी क्या योग्यता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के लिए परिवार ही पार्टी है और पार्टी ही परिवार है। तेजस्वी यादव में ऐसा कौन सा राजनीतिक सद्गुण था कि उन्हें सिर्फ विधायक नहीं, बल्कि डिप्टी सीएम तक बना दिया गया?

उन्होंने आरोप लगाया कि आरजेडी में हमेशा से परिवारवाद हावी रहा है। एक बेटे को विधायक बनाया गया, बेटी को लोकसभा भेजा गया और दूसरी बेटी को लोकसभा चुनाव में उतारा गया। भ्रष्टाचार के आरोप में जब लालू यादव जेल जा रहे थे तो राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा दिया गया। आरजेडी ने राजनीति के तमाम मूल्यों की धज्जियां उड़ाई हैं और इन्हें कूड़ेदान में फेंक दिया है। परिवार का राज और भ्रष्टाचार ही राजनीति में आरजेडी की स्थायी पहचान बन चुकी है।

वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस पत्र पर भी नीरज कुमार ने प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने एसआईआर प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग को लिखा है। जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि सभी को याचिका दाखिल करने का अधिकार है, लेकिन सवाल यह है कि इसके पहले जब एसआईआर हुई थी तब आपत्ति क्यों नहीं जताई गई। उन्होंने कहा कि क्या मृत लोगों के नाम वोटर लिस्ट में बने रहने चाहिए और क्या एक ही व्यक्ति का नाम दो या तीन स्थानों पर होना उचित है? इन प्रश्नों का समाधान किया जाना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि जब नागरिकता देश के भीतर मान्य है और अगर वैध दस्तावेज दिखाने की आवश्यकता पड़ती है तो इससे असहज होने की क्या वजह है। उन्होंने ममता बनर्जी पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि वैध दस्तावेज प्रस्तुत करना किसी को भी असुविधाजनक नहीं लगना चाहिए अगर सब कुछ ठीक और पारदर्शी हो।

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Created On :   21 Nov 2025 11:34 AM IST

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