देश में सैकड़ों बाबरी मस्जिद बन जाए पर अयोध्या वाली अहमियत खत्म नहीं होगी मौलाना साजिद रशीदी

देश में सैकड़ों बाबरी मस्जिद बन जाए पर अयोध्या वाली अहमियत खत्म नहीं होगी मौलाना साजिद रशीदी
तृणमूल कांग्रेस विधायक हूमायूं कबीर के पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद बनाने के बयान के बाद विवाद जारी है। ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के प्रेसिडेंट मौलाना साजिद रशीदी ने शनिवार को इस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि देश में चाहे सैकड़ों मस्जिद बन जाएं पर अयोध्या की मस्जिद की हैसियत खत्म नहीं होगी।

नई दिल्ली, 22 नवंबर (आईएएनएस)। तृणमूल कांग्रेस विधायक हूमायूं कबीर के पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद बनाने के बयान के बाद विवाद जारी है। ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के प्रेसिडेंट मौलाना साजिद रशीदी ने शनिवार को इस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि देश में चाहे सैकड़ों मस्जिद बन जाएं पर अयोध्या की मस्जिद की हैसियत खत्म नहीं होगी।

मौलाना साजिद रशीदी ने कहा, "मस्जिद जहां पर एक बार बन जाती है, वह कयामत तक मस्जिद रहती है। बाबरी मस्जिद के नाम पर अगर हिंदुस्तान में सैकड़ों मस्जिद बन जाएं, तो उसके बावजूद भी अयोध्या में जो मस्जिद है, उसकी हैसियत कभी खत्म नहीं होगी। यही कारण है कि सरकार बाबरी मस्जिद के नाम पर जो जमीन देना चाहती थी, उसे मुसलमानों ने नहीं अपनाया। यूपी वक्फ बोर्ड ने जमीन को अपनाया पर मुसलमानों ने नहीं अपनाया।"

उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद जिस जगह पर तोड़ी गई है, वहां पर आज भी बाबरी मस्जिद है और वह कयामत तक रहेगी।

दिल्ली ब्लास्ट मामले में हुई गिरफ्तारी पर मौलाना साजिद रशीदी ने कहा, "लोगों को सिर्फ पकड़कर ही आतंकवादी कह देना न्यायसंगत और संवैधानिक नहीं है। देश की एक प्रक्रिया है, उसके तहत कार्य होना चाहिए। जांच के नाम पर पहले किसी को पकड़ा जाता है, फिर उस पर एफआईआर होती है। फिर वह आदमी कोर्ट जाता है और उसके बाद तय होता है कि आदमी मुजरिम है कि नहीं।"

उन्होंने कहा, "जब तक कोर्ट तय न करे, किसी को आतंकवादी नहीं कहना चाहिए। मीडिया ट्रायल का जो जमाना शुरू हुआ है, वह बहुत खतरनाक है। हालांकि यह कांग्रेस के जमाने से शुरू है। इसे सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मीडिया ट्रायल का होना इंसान की पूरी जिंदगी को तबाह कर देता है। दिल्ली ब्लास्ट में जितने लोग पकड़े गए थे, उनमें से 4-5 लोग छूट भी गए, लेकिन 8 दिनों तक मीडिया ने जिस तरह से उन्हें आतंकवादी कहा, उसको वे जिंदगीभर धो नहीं पाएंगे। ऐसे ही जो लड़के आज 10, 12 या 15 सालों बाद बरी हो रहे हैं, उनकी जिंदगी वापस नहीं आ सकती है। एक लड़का 36 साल बाद बाइज्जत बरी हुआ।"

रशीदी ने कहा, "सवाल यह है कि जो भी एजेंसियां यह कदम उठाती हैं, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है। जो उन्हें आतंकवादी कहना शुरू करते हैं, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। सरकार उन्हें कोई मुआवजा नहीं देती। सरकार उनकी इज्जत और जिंदगी को वापस नहीं ला सकती। मीडिया ट्रायल करके उनकी जिंदगी नष्ट कर दी जाती है। उसके पूरे परिवार की जिंदगी बर्बाद हो जाती है।"

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Created On :   22 Nov 2025 5:50 PM IST

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