वैश्विक विकास धीमा बना हुआ लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही हार्वर्ड के अर्थशास्त्री
नई दिल्ली, 22 नवंबर (आईएएनएस)। हार्वर्ड के अर्थशास्त्री जेसन फरमैन की ओर से भू-राजनीतिक रूप से प्रासंगिक अर्थव्यवस्थाओं के 2025 की तीसरी तिमाही में जीडीपी प्रदर्शन को लेकर जानकारी दी गई है। फरमैन की ओर से एक महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं के जीडीपी प्रदर्शन का ग्राफ साझा किया गया। इस ग्राफ में भारत, रूस, चीन और अमेरिका जैसे देशों के कोरोना महामारी के बाद से जीडीपी प्रदर्शन को दिखाया गया है।
ग्राफ दर्शाता है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में अपना जीडीपी प्रदर्शन जारी रखे हुए है। वहीं, दूसरे प्रतिस्पर्धी जिनमें रूस, अमेरिका, चीन और यूरो एरिया शामिल है, अभी तक कोरोना महामारी के बाद से अपने जीडीपी प्रदर्शन को लेकर कुछ बेहतर नहीं कर पाए हैं।
भारत की बात करें तो देश 7.3 ट्रिलियन डॉलर की अनुमानित जीडीपी के साथ 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर अग्रसर है।
चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही के लिए जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था अपेक्षा से कहीं अधिक तेज गति सालाना आधार पर 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी। इस वृद्धि को बढ़ावा देने में देश के मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन और सर्विस सेक्टर का अहम योगदान रहा। केंद्र के अनुसार, इस वृद्धि को लेकर निजी निवेश में तेजी, बढ़ते उपभोक्ता विश्वास, वेतन वृद्धि और मजबूत कृषि उत्पादन से बढ़ती ग्रामीण मांग भी महत्वपूर्ण कारक रहे।
रियल जीडीपी ग्रोथ को लेकर ही भारत की तुलना दूसरे देशों से करें तो जून तिमाही में चीन की जीडीपी वृद्धि दर 5.2 प्रतिशत, इंडोनेशिया की 5.2 प्रतिशत, अमेरिका की 2.1 प्रतिशत, जापान की 1.2 प्रतिशत, यूके की 1.2 प्रतिशत, फ्रांस की 0.7 प्रतिशत, मेक्सिको की 0 प्रतिशत और जर्मनी की -0.2 प्रतिशत रही।
हाल ही में जारी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के लेटेस्ट आंकड़े भी भारत के लिए उत्साहजनक दृष्टिकोण पेश करते हैं। आईएमएफ के आंकड़े विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करता है।
आईएमएफ के नवीनतम अनुमानों के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था 2026 में 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने की अनुमान है, जिससे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच भारत की विकास दर मजबूत बनी रहेगी। इसके विपरीत, इसी अवधि के दौरान चीन की विकास दर धीमी होकर 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
इकोनॉमिस्ट का भी मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था ऐसे समय में बढ़ रही है जब वैश्विक विकास धीमा बना हुआ है।
आईएमएफ की रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए, इन्फोमेरिक्स रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री डॉ. मनोरंजन शर्मा ने कहा, "आईएमएफ के आंकड़े जारी हो चुके हैं और ये बेहद सकारात्मक और उत्साहजनक हैं।"
उनका मानना है कि भारत की इस स्थिर वृद्धि का श्रेय तीन प्रमुख कारकों बढ़ती घरेलू खपत, मैन्युफैक्चरिंग में पुनरुद्धार और सर्विस सेक्टर में मजबूत प्रदर्शन को दिया जा सकता है।
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Created On :   22 Nov 2025 7:40 PM IST












