'मुसलमानों के लिए भारत से बेहतर कोई देश नहीं', मौलाना अरशद मदनी के बयान पर शाहनवाज हुसैन

मुसलमानों के लिए भारत से बेहतर कोई देश नहीं, मौलाना अरशद मदनी के बयान पर शाहनवाज हुसैन
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी की ओर से एक कार्यक्रम में देश के मुसलमानों को लेकर दिए बयान पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। अरशद मदनी ने एक कार्यक्रम में कहा कि लंदन या न्यूयॉर्क जैसे बड़े शहरों में मुसलमान मेयर बन सकते हैं, जबकि भारत में वही व्यक्ति किसी विश्वविद्यालय का कुलपति तक नहीं बन सकता। मदनी के इस बयान पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

नई दिल्ली, 22 नवंबर (आईएएनएस)। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी की ओर से एक कार्यक्रम में देश के मुसलमानों को लेकर दिए बयान पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। अरशद मदनी ने एक कार्यक्रम में कहा कि लंदन या न्यूयॉर्क जैसे बड़े शहरों में मुसलमान मेयर बन सकते हैं, जबकि भारत में वही व्यक्ति किसी विश्वविद्यालय का कुलपति तक नहीं बन सकता। मदनी के इस बयान पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

शाहनवाज हुसैन ने रविवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा, "मौलाना अरशद मदनी का बयान अत्यंत गैर-जिम्मेदाराना और निंदनीय है। उन्होंने भारत को बदनाम करने का काम किया है। दुनिया के किसी भी देश में अल्पसंख्यकों को उतने अधिकार नहीं मिले जितने भारत में मिले हैं। भारतीय मुसलमानों के लिए भारत से बेहतर कोई देश नहीं, हिन्दुओं से अच्छा कोई दोस्त नहीं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बेहतर कोई नेता नहीं मिल सकता। हमारा देश 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' के मंत्र पर चल रहा है।"

उन्होंने कहा कि हमारे यहां के मुसलमान कई शहरों में मेयर बने हैं, बड़े-बड़े संवैधानिक पदों पर रहे हैं। भारत का मुसलमान राष्ट्रपति बन सकता है, मुख्य न्यायाधीश बन सकता है, क्रिकेट-हॉकी टीम का कप्तान बन सकता है, वायुसेना का प्रमुख बन सकता है। भारत के मुसलमान को देश का सर्वोच्च पद यानी राष्ट्रपति का पद मिल चुका है। फिर भी मौलाना अरशद मदनी इस तरह के बयान दे रहे हैं।

भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि यह सच है कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, लेकिन अब यह संगठन कांग्रेस की तरह परिवारवाद का शिकार हो चुका है। अपने संगठन के दरवाजे सबके लिए नहीं खोलते। यह कहना कि भारत में मुसलमान दबाए जा रहे हैं और बहुत परेशान हैं, सरासर गलत और गैर-जिम्मेदाराना है। मौलाना अरशद मदनी को अपने इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।

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Created On :   23 Nov 2025 12:36 PM IST

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