सरल और असरदार सुबह की आदतें, जो बच्चों के दिमाग को बनाएंगी तेज

सरल और असरदार सुबह की आदतें, जो बच्चों के दिमाग को बनाएंगी तेज
बच्चों का दिमाग बहुत तेजी से सीखता है, लेकिन उसे सही शुरुआत की जरूरत होती है। सुबह का समय हमेशा से दिमाग के लिए सबसे शांत और असरदार माना गया है। यही वजह है कि आयुर्वेद में भी प्रातःकाल को बुद्धि-वर्धक समय कहा गया है। अगर बच्चे सुबह कुछ सरल आदतें अपना लें, तो उनकी याददाश्त, ध्यान और सीखने की क्षमता पर बहुत अच्छा असर पड़ता है।

नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। बच्चों का दिमाग बहुत तेजी से सीखता है, लेकिन उसे सही शुरुआत की जरूरत होती है। सुबह का समय हमेशा से दिमाग के लिए सबसे शांत और असरदार माना गया है। यही वजह है कि आयुर्वेद में भी प्रातःकाल को बुद्धि-वर्धक समय कहा गया है। अगर बच्चे सुबह कुछ सरल आदतें अपना लें, तो उनकी याददाश्त, ध्यान और सीखने की क्षमता पर बहुत अच्छा असर पड़ता है।

अच्छी बात यह है कि बच्चों की मेमोरी बढ़ाने के लिए किसी जटिल रूटीन की जरूरत नहीं होती, बस छोटी-छोटी सही आदतें बड़ा फर्क डाल देती हैं। आइए ऐसी ही तीन आसान और असरदार सुबह की आदतों को समझते हैं, जिन्हें घर पर आसानी से अपनाया जा सकता है।

सबसे पहली आदत है सुबह गुनगुना पानी और एक खजूर देना। रातभर की नींद के बाद शरीर और दिमाग को सबसे पहले हाइड्रेशन की जरूरत होती है। गुनगुना पानी शरीर को धीरे-धीरे एक्टिव करता है और बच्चों को हल्कापन महसूस करवाता है। खजूर में मौजूद नैचुरल ग्लूकोज दिमाग को तुरंत ऊर्जा देता है, जिससे बच्चा सुबह पढ़ाई में ज्यादा मन लगाकर बैठता है। कई बार हम बच्चों को सुबह-सुबह दूध या चाय दे देते हैं, जो कई बच्चों के लिए भारी पड़ सकती है। इसके मुकाबले पानी और खजूर हल्का, आसान और पाचन के लिए भी अच्छा माना जाता है। यह रूटीन 5 साल से बड़े बच्चों के लिए ठीक रहता है।

दूसरी आदत है सुबह की हल्की और कोमल सूरज की रोशनी को 2–3 मिनट देखना। तेज धूप में नहीं, बस हल्की-सी प्राकृतिक रोशनी की ओर देखना होता है। यह रोशनी दिमाग को नैचुरल तरीके से एक्टिव करती है और मूड को बेहतर बनाती है। इससे बच्चे का अलर्टनेस लेवल बढ़ता है और पढ़ने का मन जल्दी तैयार हो जाता है। धीरे-धीरे इस आसान सी आदत से ध्यान और एकाग्रता भी बढ़ती है।

तीसरी आदत है 5 मिनट का ब्रेन योगा, जिसमें नाड़ी शोधन और ब्रह्मरी शामिल हैं। नाड़ी शोधन दिमाग को शांत करता है और ऑक्सीजन फ्लो को संतुलित करता है, जबकि ब्रह्मरी की गुनगुनाहट की आवाज मानसिक स्पष्टता में मददगार माना जाती है। छोटी सी यह प्रैक्टिस बच्चों को दिनभर शांत, केंद्रित और सीखने के लिए तैयार रखती है।

आयुर्वेद में बच्चों का दिमाग कफ प्रधान माना जाता है। इसलिए सुबह की गर्माहट, हल्की धूप और हल्का योग तीनों मिलकर उनके मानसिक संतुलन को बेहतर बनाते हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सुबह की हाइड्रेशन, सूर्य प्रकाश और योग दिमाग को फ्रेश और सक्रिय बनाते हैं।

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Created On :   23 Nov 2025 4:04 PM IST

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