मल्टी-डोमेन युद्ध में आर्मी, नेवी और एयर फोर्स के तालमेल से मिलेगी रणनीतिक बढ़त सेना प्रमुख

मल्टी-डोमेन युद्ध में आर्मी, नेवी और एयर फोर्स के तालमेल से मिलेगी रणनीतिक बढ़त  सेना प्रमुख
भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल द्विवेदी का कहना है कि आधुनिक युद्ध मल्टी-डोमेन, हाइब्रिड और संयुक्त कार्रवाई पर आधारित होते हैं। इसलिए आर्मी, नेवी और एयर फोर्स का तालमेल ही भारत की सामरिक बढ़त तय करेगा।

नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल द्विवेदी का कहना है कि आधुनिक युद्ध मल्टी-डोमेन, हाइब्रिड और संयुक्त कार्रवाई पर आधारित होते हैं। इसलिए आर्मी, नेवी और एयर फोर्स का तालमेल ही भारत की सामरिक बढ़त तय करेगा।

सेना प्रमुख सोमवार को पश्चिमी नौसैनिक कमान पर मौजूद थे। यहां भारतीय नौसेना के नवीनतम युद्धपोत आईएनएस माहे को एक गरिमामय समारोह में नौसेना में शामिल किया गया। इस अवसर पर सेना प्रमुख ने तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि भूमि, समुद्र और आकाश ये तीनों सुरक्षा के एक निरंतर आयाम हैं। भारतीय सेना की ‘दशक ऑफ ट्रांसफॉरमेशन’ पहल में संयुक्तता सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ है। थल सेना प्रमुख ने मानवीय सहायता मिशनों, अम्फीबियस ऑपरेशन्स और वैश्विक मंचों पर नौसेना की भूमिका को स्मार्ट डिप्लोमेसी बताते हुए उसकी सराहना की।

उन्होंने कहा कि हम लद्दाख से लेकर हिंद महासागर तक, सूचना युद्ध से लेकर संयुक्त लॉजिस्टिक्स तक हर क्षेत्र में संचालन कर रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर इसका एक उपयुक्त उदाहरण है, जिसने तीनों सेनाओं के बीच तालमेल को सशक्त रूप से प्रदर्शित किया।

गौरतलब है कि पश्चिमी नौसैनिक कमान में आज भारतीय नौसेना के नवीनतम युद्धपोत आईएनएस माहे को एक गरिमामय समारोह में नौसेना में शामिल किया गया। यह पोत कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित है। यह निर्मित किए जा रहे ऐसे आठ एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट में पहला है। यह पोत तटीय सुरक्षा, पनडुब्बी-रोधी निगरानी और समुद्री मिशनों को नई धार देगा।

समारोह में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन, वाइस एडमिरल राजाराम स्वामीनाथन, वाइस एडमिरल डी.के. गोस्वामी, लेफ्टिनेंट जनरल धीरन कुशवाहा, नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी, कोचीन शिपयार्ड के सीएमडी मधु नायर, समुद्री जहाज माहे के अधिकारी-कर्मचारी, वेटरन्स और अन्य अतिथि मौजूद थे।

ऐतिहासिक तटीय नगर माहे के नाम पर रखे गए इस युद्धपोत का निर्माण उच्च स्तरीय स्वदेशी तकनीक से किया गया है। यह पनडुब्बी-रोधी युद्ध क्षमता, तटीय निगरानी, समुद्री डोमिनेंस और मिशन-क्रिटिकल ऑपरेशन्स में अत्यंत प्रभावी है। इसके शामिल होने से भारतीय नौसेना की तटवर्ती सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी।

अपने संबोधन की शुरुआत में सेना प्रमुख ने आईएनएस माहे की टीम को उत्कृष्ट समारोह और श्रेष्ठ तैयारी के लिए ‘ब्रावो जुलू’ कहा। उन्होंने कहा कि यह क्षण केवल नौसेना के लिए नहीं, पूरे राष्ट्र के लिए गर्व का है। सेना प्रमुख ने कहा कि आईएनएस माहे हमारी बढ़ती औद्योगिक क्षमता, आत्मनिर्भरता और तकनीकी दक्षता का चमकदार प्रतीक है।

जनरल द्विवेदी ने कहा कि भारतीय नौसेना 75 प्रतिशत से अधिक पूंजीगत प्लेटफॉर्म स्वदेशी स्रोतों से प्राप्त कर रही है। जहाजों, पनडुब्बियों, उन्नत सोनार और हथियार प्रणालियों सहित नौसेना के बेड़े में शामिल होने वाले ये संसाधन स्वदेशी रूप से विकसित व निर्मित हैं। उन्होंने कोचीन शिपयार्ड की उत्कृष्ट गुणवत्ता और समय पर डिलीवरी की प्रशंसा करते हुए कहा कि आईएनएस माहे भारतीय निर्माण क्षमता की बेहतर होती पेशेवर दक्षता को दर्शाता है।

आईएनएस माहे के कमांडिंग ऑफिसर और क्रू को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि आज से इस जहाज की जिम्मेदारी आपके कंधों पर है। जहाज की प्रतिष्ठा आपके चरित्र से तय होगी। राष्ट्र इसलिए सोता है क्योंकि आप समुद्रों पर जागते रहते हैं। उन्होंने जहाज के प्रतीक ‘उरुमी’ का उल्लेख करते हुए क्रू को अनुशासन, साहस और परंपरा बनाए रखने की प्रेरणा दी। तीनों सेनाओं की संयुक्त शक्ति के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि आधुनिक युद्ध मल्टी-डोमेन, हाइब्रिड और संयुक्त कार्रवाई पर आधारित होते हैं। इसलिए आर्मी, नेवी और एयरफोर्स का तालमेल ही भारत की सामरिक बढ़त तय करेगा।

सेना प्रमुख ने आईएनएस माहे को राष्ट्र की आशा और विश्वास का प्रतीक बताया। अपने संबोधन के अंत में जनरल द्विवेदी ने आईएनएस माहे की सुरक्षित यात्राओं और सफल अभियानों की कामना की। उन्होंने कहा कि आईएनएस माहे आज केवल नौसेना की उम्मीदें नहीं, बल्कि राष्ट्र का विश्वास लेकर समुद्रों की ओर बढ़ रही है। तिरंगा सदैव ऊँचा फहरे, यही मेरी शुभकामना है।

इस बीच नौसैनिक बैंड की धुनों और परंपरागत नौसैनिक सलामी के साथ आईएनएस माहे आधिकारिक रूप से भारतीय नौसेना में शामिल हो गया, जो आने वाले वर्षों में तटीय सुरक्षा और पनडुब्बी-रोधी युद्ध क्षमता को नई ऊंचाई प्रदान करेगा।

--आईएएनएस

जीसीबी/एएस

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Created On :   24 Nov 2025 12:02 PM IST

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