पहली विदेशी तैनाती पर श्रीलंका पहुंचे नौसेना के आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरि
नई दिल्ली, 28 नवंबर (आईएएनएस)। भारत का प्रथम स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत और नवीनतम स्वदेशी स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस उदयगिरि श्रीलंका में हैं। गौरतलब है कि आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरि दोनों ही भारतीय युद्धपोतों की यह पहली विदेशी तैनाती है। यहां ये युद्धपोत श्रीलंकाई नौसेना द्वारा आयोजित इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू 2025 में भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। यह गतिविधियां कोलंबो में 27 से 29 नवंबर तक जारी रहेंगी।
दरअसल, यह आयोजन श्रीलंकाई नौसेना के 75वें स्थापना दिवस समारोहों का प्रमुख हिस्सा है। इसमें कई देशों के युद्धपोत, सैन्य प्रतिनिधिमंडल और पर्यवेक्षक शामिल हो रहे हैं। भारतीय युद्धपोतों की मौजूदगी क्षेत्रीय समुद्री सहयोग को मजबूत करने और हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका को प्रदर्शित करती है। विशेष रूप से, स्वदेशी रूप से निर्मित और देश की शान आईएनएस विक्रांत की मौजूदगी यहां काफी महत्वपूर्ण है।
यह तैनाती भारत की साझेदार नौसेनाओं के साथ गहरी होती सहभागिता की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू में आईएनएस विक्रांत की मौजूदगी क्षेत्र में शांति, स्थिरता व सुरक्षा को बढ़ावा देने की एक बड़ी पहल भी है।
वहीं आईएनएस उदयगिरि हाल ही में भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया है। श्रीलंका में इसकी मौजूदगी तेजी से उभरती भारतीय स्वदेशी जहाज निर्माण क्षमता और समुद्री शक्ति संतुलित विस्तार की परिचायक है। नौसेना के मुताबिक दोनों पोत भारत की आत्मनिर्भर नौसैनिक शक्ति को अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूती से प्रस्तुत कर रहे हैं।
नौसेना का कहना है कि कोलंबो प्रवास के दौरान भारतीय युद्धपोत कई महत्वपूर्ण गतिविधियों में शामिल होंगे। इनमें औपचारिक फ्लीट रिव्यू, सिटी परेड, समुदाय संपर्क कार्यक्रम व पेशेवर नौसैनिक आदान-प्रदान शामिल हैं। यहां श्रीलंका के स्थानीय लोग भी इन आधुनिक भारतीय समुद्री जहाजों तक पहुंच सकते हैं। विशेष कार्यक्रमों के अंतर्गत दोनों युद्धपोत नागरिकों और अन्य आगंतुकों के लिए खोले जाएंगे। इससे लोग भारत की उन्नत नौसैनिक क्षमताओं को करीब से देख सकेंगे।
नौसेना का मानना है कि भारत के इन दो प्रमुख स्वदेशी युद्धपोतों की तैनाती न केवल द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करती है, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग, सामरिक साझेदारी और समुद्री मित्रता के नए आयाम भी जोड़ती है।
गौरतलब है कि जहां एक ओर नौसेना के युद्धपोत श्रीलंका में मौजूद हैं, वहीं दूसरी ओर भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी श्रीलंका की आधिकारिक यात्रा करेंगे। सेना प्रमुख की यह यात्रा रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण है। इस यात्रा से पड़ोसी देश श्रीलंका से भारत के रिश्तों को और मजबूती मिलेगी।
भारतीय सेना के मुताबिक सेना प्रमुख की यात्रा 1 दिसंबर से शुरू होगी। वह दो दिनों तक श्रीलंका के आधिकारिक दौरे पर रहेंगे। यह यात्रा भारत-श्रीलंका रक्षा संबंधों के निरंतर सुदृढ़ होते मार्ग में एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव मानी जा रही है। हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय सैन्य संवाद, संयुक्त अभ्यास और प्रशिक्षण सहयोग में निरंतर वृद्धि ने आपसी विश्वास और संचालन-स्तर की समझ को नए आयाम दिए हैं।
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Created On :   28 Nov 2025 4:00 PM IST










