मध्य प्रदेश में बेटियों तक नहीं पहुंच रहा लाडली लक्ष्मी योजना का लाभ कमलनाथ

मध्य प्रदेश में बेटियों तक नहीं पहुंच रहा लाडली लक्ष्मी योजना का लाभ कमलनाथ
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने राज्य में बेटियों की शिक्षा की स्थिति पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि 'लाडली लक्ष्मी योजना' पर सरकार हजारों करोड़ रुपए खर्च कर रही है, लेकिन इसके बावजूद मध्य प्रदेश में सिर्फ 30 प्रतिशत बेटियां ही कक्षा 12वीं तक पहुंच पा रही हैं। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है और बताती है कि योजना का असली लाभ बेटियों तक नहीं पहुंच रहा है।

भोपाल, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने राज्य में बेटियों की शिक्षा की स्थिति पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि 'लाडली लक्ष्मी योजना' पर सरकार हजारों करोड़ रुपए खर्च कर रही है, लेकिन इसके बावजूद मध्य प्रदेश में सिर्फ 30 प्रतिशत बेटियां ही कक्षा 12वीं तक पहुंच पा रही हैं। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है और बताती है कि योजना का असली लाभ बेटियों तक नहीं पहुंच रहा है।

कमलनाथ ने कहा कि सरकार पिछले कई वर्षों से इस योजना को बड़ी सफलता के रूप में प्रचारित करती रही है, लेकिन वास्तविक आंकड़े बिल्कुल उलटी तस्वीर दिखाते हैं। करोड़ों का रजिस्ट्रेशन, बड़ी-बड़ी घोषणाएं और हर साल बढ़ता बजट, इन सबके बाद भी बेटियों की शिक्षा वहीं अटकी हुई है, जहां वर्षों पहले थी। यह साफ इशारा है कि योजना का फोकस बेटियों को शिक्षित और सशक्त बनाना नहीं है, बल्कि इसका उपयोग राजनीतिक लाभ और वोट बैंक तैयार करने के लिए किया गया है।

राज्य सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि अगर सरकार वास्तव में बेटियों की शिक्षा को लेकर संवेदनशील होती तो सबसे पहले स्कूलों की गुणवत्ता सुधारती, शिक्षकों की कमी दूर करती, सुरक्षा और सामाजिक वातावरण बेहतर बनाती और जागरूकता अभियान चलाती, लेकिन सरकार ने इन सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को नजरअंदाज किया। जोश और प्रचार में बेटियों की तस्वीरें तो खूब इस्तेमाल की गईं, मगर उनकी शिक्षा के लिए जमीन पर कोई गंभीर कदम नहीं उठाए गए।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने कहा कि सरकार का काम चुनाव जीतना नहीं, बल्कि जनता की सेवा करना है, लेकिन मध्यप्रदेश की सरकार चुनावी मोड से कभी बाहर आई ही नहीं। बेटियों को उन्होंने सिर्फ वोट बैंक के रूप में देखा, न कि नागरिक के रूप में। सच्चाई यही है कि यदि वास्तव में सरकार का विचार और नीयत शिक्षा सुधार की होती तो आज 30 प्रतिशत नहीं, बल्कि अधिकांश बेटियां 12वीं तक पहुंच रही होतीं। जागरूक और शिक्षित बेटी सवाल पूछती है और शायद यही वजह है कि सरकार ने बेटियों को सशक्त करने की वास्तविक दिशा में कदम नहीं बढ़ाए।

कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश की बेटियों को योजनाओं के लिए दिए जा रहे वादों की नहीं, बल्कि वास्तविक अवसरों, अच्छी शिक्षा, सुरक्षित माहौल और बेहतर भविष्य की जरूरत है। उन्हें ऐसे शासन की जरूरत है जो उन्हें पोस्टर की तस्वीर नहीं, बल्कि राज्य की शक्ति मानकर आगे बढ़ाए।

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Created On :   1 Dec 2025 2:52 PM IST

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