एसआईआर से हो रही मौत का जिम्मेदार कौन, सरकार चर्चा को तैयार नहीं कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा

एसआईआर से हो रही मौत का जिम्मेदार कौन, सरकार चर्चा को तैयार नहीं  कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा
संसद के शीतकालीन सत्र का मंगलवार को दूसरा दिन है। इस दौरान विपक्ष मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर संसद परिसर में प्रदर्शन कर रहा है और सरकार पर चर्चा से भागने का गंभीर आरोप लगा रहा है। कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने सरकार से इस मुद्दे पर जवाबदेही तय करने की मांग की।

रांची, 2 दिसंबर (आईएएनएस)। संसद के शीतकालीन सत्र का मंगलवार को दूसरा दिन है। इस दौरान विपक्ष मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर संसद परिसर में प्रदर्शन कर रहा है और सरकार पर चर्चा से भागने का गंभीर आरोप लगा रहा है। कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने सरकार से इस मुद्दे पर जवाबदेही तय करने की मांग की।

कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने कहा, "हम प्रधानमंत्री से सदन में एसआईआर पर चर्चा करने के लिए कह रहे थे। जिन लोगों ने आत्महत्या की, उनकी क्या गलती थी? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? इसकी जवाबदेही कौन लेगा? हम इस पर चर्चा करवा रहे हैं, लेकिन सत्तारूढ़ दल इस पर चर्चा करने को तैयार नहीं है। सवाल है कि वे इस पर चर्चा करने के लिए क्यों तैयार नहीं है?"

कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी के सेना पर दिए बयान को राकेश सिन्हा ने गंभीर मुद्दा बताया। उन्होंने कहा, "यह एक बड़ा और गंभीर मामला है। जब आप सेना पर हमारे सपोर्ट में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का दबाव बनाते हैं, तो यह स्वाभाविक रूप से उचित नहीं है और केंद्र सरकार द्वारा लगातार ऐसी कार्रवाई की जा रही है। इसका मतलब है कि आप भारत के लोकतंत्र को पूरी तरह से खत्म करना चाहते हैं। सत्ता का घमंड इस हद तक पहुंच गया है कि आप हर व्यक्ति, हर संस्था को अपने अधीन करना चाहते हैं।"

उन्होंने दूरसंचार विभाग द्वारा नए मोबाइल फोन में 'संचार साथी' ऐप अनिवार्य करने को नागरिकों की निजता का उल्लंघन बताया और लोगों की जासूसी करने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता ने कहा, "जैसे केंद्र सरकार कभी पेगासस के जरिए जासूसी कर रही थी, वैसे ही वह संचार साथी ऐप के जरिए देश के नागरिकों की जासूसी करेगी। यह उनका डाटा इकट्ठा करेगी। इसका मतलब है कि उनकी सारी पर्सनल जानकारी सरकार के कंट्रोल में होगी।"

इसे तानाशाही कदम बताते हुए उन्होंने कहा, "हम व्हाट्सएप पर क्या लिखेंगे? हम टेलीफोन पर क्या बात करेंगे? सरकार अब वह सारा डाटा देखेगी। अब सरकार पर्सनल मामलों पर भी नजर रखेगी, जिसका मतलब है कि केंद्र सरकार अब तानाशाही की हदें पार कर चुकी है।"

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Created On :   2 Dec 2025 5:04 PM IST

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