राजनीति: मध्य प्रदेश से राहुल गांधी की यात्रा गुजरते ही कांग्रेस को बड़ा झटका ()

मध्य प्रदेश से राहुल गांधी की यात्रा गुजरते ही कांग्रेस को बड़ा झटका ()
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने कांग्रेस का हाथ छोड़ने के बाद कहा कि जहां राम का अनादर हो, उसका साथ छोड़ देना चाहिए। वो 40 साल से ज्यादा वक्त तक कांग्रेस में रहे और गांधी परिवार के करीबीयों में उनकी गिनती होती रही है। वे कांग्रेस द्वारा राम मंदिर उद्घाटन का निमंत्रण ठुकराने से बेहद क्षुब्ध हैं।

भोपाल, 9 मार्च (आईएएनएस)। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने कांग्रेस का हाथ छोड़ने के बाद कहा कि जहां राम का अनादर हो, उसका साथ छोड़ देना चाहिए। वो 40 साल से ज्यादा वक्त तक कांग्रेस में रहे और गांधी परिवार के करीबीयों में उनकी गिनती होती रही है। वे कांग्रेस द्वारा राम मंदिर उद्घाटन का निमंत्रण ठुकराने से बेहद क्षुब्ध हैं।

उन्होंने कहा कि जब राम मंदिर के निर्माण के लिए सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आ गया और कांग्रेस ने ताला खुलने का स्वागत किया था तो फिर निमंत्रण अस्वीकार क्यों किया।

उन्होंने कांग्रेस तब छोड़ी जब राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा मध्य प्रदेश से गुजर चुकी थी। भाजपा पार्टी प्रदेश कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में सुरेश पचौरी के अलावा पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी, पूर्व विधायक संजय शुक्ला, विशाल पटेल समेत कई बड़े नेता भाजपा में शामिल हो गए।

भाजपा के प्रदेश कार्यालय में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित तमाम बड़े नेताओं ने पचौरी और उनके साथ आए कांग्रेस नेताओं का भाजपा में स्वागत किया। साथ ही राहुल गांधी की मध्य प्रदेश से गुजरी यात्रा को लेकर चुटकी भी ली।

उन्होंने कहा, जहां से उनकी यात्रा निकलती है, वहां कांग्रेस साफ हो जाती है।

मध्य प्रदेश की राजनीति के लिहाज से कांग्रेस को लगभग चार साल बाद फिर से एक बड़ा झटका लगा है। साल 2020 में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 22 विधायकों के साथ पार्टी छोड़ दी थी। अब सुरेश पचौरी ने कांग्रेस का साथ छोड़ा है।

सुरेश पचौरी की गिनती कांग्रेस के स्तंभ के साथ गांधी परिवार के करीबियों में हुआ करती थी, मगर वह धीरे-धीरे राज्य की राजनीति में किनारे कर दिए गए। वे कांग्रेस द्वारा राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आमंत्रण को अस्वीकार किए जाने से बेहद दुखी थे।

राज्य की राजनीति में पचौरी कांग्रेस के एक कद्दावर नेता रहे हैं और उनका अपना भी एक गुट रहा है। राज्य में किसी दौर में दिग्विजय सिंह, कमल नाथ, सिंधिया और पचौरी के चार गुट हुआ करते थे।

पहले सिंधिया ने अपने 22 विधायकों के साथ पार्टी छोड़ी और कमल नाथ की सरकार गिर गई। यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका था। अब लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। सुरेश पचौरी की गिनती राज्य के बड़े ब्राह्मण नेता के रूप में भी रही है।

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Created On :   9 March 2024 11:28 AM IST

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