महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में सभी 12 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में सभी 12 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत
महादेव सट्टेबाजी ऐप से जुड़े घोटाला मामले में शामिल सभी 12 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। सभी 12 आरोपी पिछले ढाई साल से रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।

रायपुर, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)। महादेव सट्टेबाजी ऐप से जुड़े घोटाला मामले में शामिल सभी 12 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। सभी 12 आरोपी पिछले ढाई साल से रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।

आरोपियों में नीतीश दीवान, भीम सिंह यादव, अर्जुन यादव, चंद्रभूषण वर्मा और सतीश चंद्राकर भी शामिल हैं। सतीश चंद्राकर महादेव सट्टेबाजी ऐप के मुख्य प्रमोटरों में से एक है। जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। अब वे सभी कोर्ट के आदेश के बाद बाहर आ सकेंगे।

महादेव ऐप को एक अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म के रूप में लाया गया था, जिसे रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर ने संचालित किया। जांच में सामने आया कि इस नेटवर्क को सुचारू रूप से चलाने के लिए इसके प्रमोटरों ने कई सरकारी अधिकारियों और प्रभावशाली लोगों को मोटी रकम 'प्रोटेक्शन मनी' के रूप में दी थी, ताकि उनके अवैध कारोबार में कोई बाधा न आए।

इस मामले की जांच पहले छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) कर रही थी, लेकिन कई बड़े सरकारी अधिकारियों की संलिप्तता की आशंका के बाद इसे सीबीआई को सौंप दिया गया। सीबीआई की छापेमारी में कई डिजिटल और दस्तावेजी सबूत बरामद किए गए, जो इस अवैध सट्टेबाजी रैकेट में प्रभावशाली लोगों की भूमिका को उजागर करते हैं। मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोपों के बाद मामले में ईडी ने जांच शुरू की थी।

ऐप शुरू करने के बाद चंद्राकर और रविल उप्पल ने मलेशिया, थाईलैंड, यूएई और भारत के प्रमुख शहरों में कॉल सेंटर खोले, जिनके जरिए ऑनलाइन सट्टेबाजी को बढ़ावा देने के लिए कई सहायक ऐप बनाए गए। छत्तीसगढ़ और भारत के अन्य राज्यों में, लगभग 30 कॉल सेंटर दो व्यक्तियों की मदद से संचालित किए जा रहे थे, जिनकी पहचान सुनील दमानी और अनिल दमानी के रूप में हुई है, जो चंद्राकर और उप्पल के करीबी सहयोगी हैं।

ईडी ने दावा किया कि इस नेटवर्क में भारत के अलग-अलग राज्यों में स्थित लगभग 4,000 'पैनल ऑपरेटर' शामिल थे, जो सट्टा लगाने वाले लगभग 200 ग्राहकों को संभालते थे। इस तरीके का इस्तेमाल करके दोनों ने प्रतिदिन कम से कम 200 करोड़ रुपए कमाए और संयुक्त अरब अमीरात में एक आपराधिक साम्राज्य खड़ा कर लिया।

जांच में पता चला कि चंद्राकर और उप्पल ने पुलिस, नौकरशाहों और राजनेताओं के साथ मिलकर भारत में ऐप चलाने और उसकी आय का प्रबंधन करने के लिए एक गठजोड़ चलाया। दमानी परिवार की मदद से बड़ी संख्या में बेनामी बैंक खाते खोले गए। अनिल दमानी को हवाला के जरिए प्राप्त धन को पुलिस, राजनेताओं और नौकरशाहों को भुगतान करने के लिए भेजा गया ताकि वे जांच के दायरे में न आएं।

आरोप यह भी है कि छत्तीसगढ़ पुलिस के एक सहायक उप निरीक्षक चंद्र भूषण वर्मा को भी इसी उद्देश्य से धन भेजा गया था। वह छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा के सीधे संपर्क में था, जिनकी मदद से वह पुलिस, नौकरशाहों और राजनेताओं के सिंडिकेट का प्रबंधन कर रहा था। दमानी ने हवाला के जरिए यूएई में प्रमोटरों को बड़ी रकम भी भेजी।

कॉल डिटेल रिकॉर्ड से पता चला कि दमानी परिवार चंद्राकर और उप्पल के लगातार संपर्क में था।

इस मामले में ईडी की ओर से सतीश चंद्राकर को गिरफ्तार किया गया। ईडी के अनुसार, इस मामले में अपराध की अनुमानित आय लगभग 6,000 करोड़ रुपए है।

ईडी ने आरोपपत्र में आरोप लगाया कि चंद्राकर ने फरवरी 2023 में यूएई के रास अल खैमाह में शादी की थी और इस आयोजन पर लगभग 200 करोड़ रुपए 'नकद' खर्च किए थे।

लगभग 17 हिंदी फिल्म हस्तियों और चंद्राकर के रिश्तेदारों को चार्टर्ड विमानों से लाया गया था। इन हस्तियों ने शादी में परफॉर्म भी किया था और बदले में उन्हें कथित तौर पर हवाला के जरिए करोड़ों रुपए दिए गए थे। बाद में शादी में मौजूद कई बड़े कलाकारों को जांच के दायरे में लाया गया।

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Created On :   8 Oct 2025 6:16 PM IST

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