एनसीबी ने ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया, सरगना दानिश 'चिकना' और उसकी पत्नी गिरफ्तार

एनसीबी ने ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया, सरगना दानिश चिकना और उसकी पत्नी गिरफ्तार
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) मुंबई ने मादक पदार्थों के अवैध कारोबार को बड़ा झटका देते हुए एक सुसंगठित ड्रग सिंडिकेट का सफलतापूर्वक भंडाफोड़ किया है।

मुंबई, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) मुंबई ने मादक पदार्थों के अवैध कारोबार को बड़ा झटका देते हुए एक सुसंगठित ड्रग सिंडिकेट का सफलतापूर्वक भंडाफोड़ किया है।

सिंडिकेट के सरगना दानिश मर्चेंट उर्फ 'दानिश चिकना' और उसकी पत्नी हिना भरत शाह को गोवा के एक लग्जरी रिसॉर्ट से गिरफ्तार किया गया। दोनों एनडीपीएस एक्ट के कई पुराने मामलों में आरोपी हैं। इस अभियान में 1.341 किलोग्राम मेफेड्रोन जब्त हुआ और मुख्य साजिशकर्ताओं सहित चार लोगों को हिरासत में लिया गया। एनसीबी ने इसे 'नशा मुक्त भारत 2047' के लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण सफलता बताया।

विशिष्ट खुफिया इनपुट पर एनसीबी टीम ने महाराष्ट्र के पुणे में एन. गायकवाड़ को रोका। उसके पास से 502 ग्राम मेफेड्रोन बरामद हुआ। पूछताछ में उसने मुंबई में एक स्टोरेज लोकेशन का खुलासा किया। त्वरित छापेमारी में सरगना के इशारे पर काम कर रहे सहयोगी जोहैब शेख से अतिरिक्त 839 ग्राम मेफेड्रोन मिला। यह जगह दानिश की पत्नी हिना शाह से जुड़ी पाई गई, जो सिंडिकेट की प्रमुख पार्टनर थीं।

जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि दंपति बैकएंड से पूरी सप्लाई चेन चला रहे थे। बरामदगी के तुरंत बाद दोनों फरार हो गए। एनसीबी की गहन ट्रैकिंग से खुलासा हुआ कि वे पहचान छिपाने के लिए कई राज्यों में ठिकाने, फोन नंबर और गाड़ियां बदल रहे थे। निरंतर निगरानी के बाद 25 अक्टूबर 2025 को गोवा के एक हाई-एंड रिसॉर्ट में उनका पता चला। एनसीबी ने सुव्यवस्थित ऑपरेशन चलाकर दंपति को दबोच लिया।

मुंबई के डोंगरी निवासी दानिश मर्चेंट कुख्यात अपराधी हैं। 2021 में एनसीबी-मुंबई ने उन्हें सीबीसीएस और गांजा जब्ती मामले में गिरफ्तार किया था। राजस्थान पुलिस ने 2021 में ड्रग केस में और मुंबई पुलिस ने 2024 में सिंथेटिक ड्रग्स के अवैध उत्पादन में मुकदमा दर्ज किया।

उनके खिलाफ मुंबई पुलिस के सात अन्य क्रिमिनल केस हैं, जिसके चलते 2024 में उन्हें मुंबई नगर क्षेत्र से 'तड़ीपार' घोषित किया गया। पत्नी हिना भी ड्रग वितरण और छिपाने में सक्रिय रही हैं। एनसीबी का कहना है कि यह नेटवर्क मेफेड्रोन को पार्टी ड्रग के रूप में युवाओं तक पहुंचा रहा था, जिसकी बाजार कीमत करोड़ों में है।

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Created On :   29 Oct 2025 10:16 PM IST

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