यूके में भारतीय मूल की सर्जन को 135,000 पाउंड का हर्जाना देने का आदेश
लंदन, 16 जनवरी (आईएएनएस)। इंग्लैंड में 12 वर्षीय लड़की को कार से टक्कर मारने वाली भारतीय मूल की सर्जन को 135,000 पाउंड का हर्जाना देने का आदेश दिया गया है। टक्कर से पीड़िता के सिर में गंभीर चोट आई, कॉलरबोन फ्रैक्चर और अन्य जटिलताएं भी हुईं।
जनवरी 2018 में बिसेस्टर के बकिंघम रोड पर स्कूल जाते समय स्कूली छात्रा की टक्कर डॉ. शांति चंद्रन की कार से हो गई।
ऑक्सफोर्ड मेल अखबार ने पिछले सप्ताह रिपोर्ट दी कि मिल्टन कीन्स अस्पताल में सलाहकार चिकित्सक चंद्रन अपनी बीएमडब्ल्यू आई3 रेंज एक्सटेंडर में काम करने जा रही थीं, जब यह घटना घटी।
पुलिस ने कहा कि बच्ची का सिर उसकी कार की विंडस्क्रीन पर लगा, जिससे शीशा टूट गया।
अधिकारियों ने कहा कि टक्कर इतनी जोरदार थी कि बच्ची 11 मीटर दूर जाकर गिरी।
दुर्घटना के बाद, लड़की, जो अब 18 साल की है, को सिर में गंभीर चोट लगी, काफी खून बहा और उसके बाएं कॉलरबोन में फ्रैक्चर हो गया।
अदालती दस्तावेजों के अनुसार, उसे तीन दिनों तक इनट्यूबेटेड वेंटिलेटर पर रखा गया और 10 दिनों तक अस्पताल में रही।
दुर्घटना के बाद पहले साल के दौरान, वह मानसिक समस्याओं से ग्रस्त थी, उसे बुरे सपने और पीटीएसडी-टाइप के सिम्टम्स का सामना करना पड़ा।
चंद्रन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बच्ची ने कहा कि वह बहुत तेजी से गाड़ी चला रही थी और अगर वह सुरक्षित और उचित गति से गाड़ी चला रही होती, तो टक्कर नहीं होती।
चंद्रन ने पुलिस को बताया कि वह 28 मील प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी चला रही थी, जो 30 मील प्रति घंटे की लागू गति सीमा से कम थी। जब लड़की को टक्कर लगी, तो उसने तुरंत अपनी कार रोक दी।
अपने बचाव में, चंद्रन ने अदालत को बताया कि यह घटना हरी बत्ती होने पर लड़की के सड़क पर निकलने के कारण हुई।
पिछले साल एक मामले की सुनवाई के दौरान, न्यायाधीश डेक्सटर डायस ने कहा कि यह एक आम गलतफहमी थी कि गति सीमा से ठीक नीचे गाड़ी चलाना उचित है।
जज डायस ने कहा था, "हालांकि यह मामला किसी मौत का नहीं है, लेकिन यह एक बार फिर दिखाता है कि अत्यधिक और अनुचित गति से गाड़ी चलाना कितना खतरनाक है।"
द मेल की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने शुरू में प्रस्तावित 225,000 पाउंड के नुकसान में 40 प्रतिशत की कमी की, क्योंकि ट्रैफिक लाइट हरी होने के दौरान लड़की का सड़क पर निकलना उसकी लापरवाही थी।
मुआवजा पिछले महीने उच्च न्यायालय में निर्धारित किया गया था, और निर्णय 11 जनवरी को प्रकाशित किया गया।
--आईएएनएस
पीके/एसकेपी
अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|
Created On :   16 Jan 2024 11:51 AM IST