अंतरराष्ट्रीय: सोशल मीडिया बैन जारी नेपाल सरकार ने गठित की जांच समिति, 15 दिनों में मांगी रिपोर्ट

सोशल मीडिया बैन जारी नेपाल सरकार ने गठित की जांच समिति, 15 दिनों में मांगी रिपोर्ट
नेपाल में सोमवार को जेन जी द्वारा सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन में हालात हिंसक हो गए। हालात की गंभीरता को देखते हुए नेपाल सरकार ने सोमवार शाम बालुवाटार में हुई कैबिनेट बैठक में एक उच्च स्तरीय जांच समिति के गठन का निर्णय लिया है।

काठमांडू, 8 सितंबर (आईएएनएस)। नेपाल में सोमवार को जेन जी द्वारा सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन में हालात हिंसक हो गए। हालात की गंभीरता को देखते हुए नेपाल सरकार ने सोमवार शाम बालुवाटार में हुई कैबिनेट बैठक में एक उच्च स्तरीय जांच समिति के गठन का निर्णय लिया है।

बालुवाटार, नेपाल के प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास स्थल है। यह निर्णय लिया गया कि यह समिति आगामी 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। एक मंत्री ने जानकारी दी कि जांच समिति के सदस्यों के नाम मंगलवार सुबह तक सार्वजनिक कर दिए जाएंगे।

प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग सरकार द्वारा सोशल मीडिया प्रतिबंध को वापस लेना था। लेकिन जब प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हुई, तो स्थिति बेकाबू हो गई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया, जिसमें 19 लोग मारे गए और 250 से ज्यादा लोग घायल हुए।

इस गंभीर स्थिति की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गृह मंत्री रमेश लेखक ने इस्तीफा दे दिया है। वहीं, इस बीच, सोमवार को कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री केपी ओली शर्मा ने अपना रुख दोहराया कि सोशल मीडिया पर प्रतिबंध जारी रहेगा।

जानकारी के अनुसार, मंगलवार को युवाओं के साथ-साथ समाज के बुजुर्ग और परिवारों के लोग भी प्रदर्शन में शामिल होंगे।

गौरतलब है कि 4 सितंबर को नेपाल सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, व्हाट्सऐप सहित 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था।

सरकार द्वारा गठित की गई जांच समिति अब इस पूरी घटना के पीछे की वास्तविक स्थिति, पुलिस कार्रवाई और हिंसा के कारणों की जांच करेगी।

वहीं, नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री राजेंद्र महतो ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा, "प्रतिबंध तुरंत हटाने की सख्त जरूरत है। सोशल मीडिया पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए, इसके विकल्प भी होने चाहिए। दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए, लेकिन घायल प्रदर्शनकारियों के साथ मानवीय व्यवहार किया जाना चाहिए। कर्फ्यू लगाने से विरोध प्रदर्शन नहीं रुकेगा, बल्कि यह पूरे देश में फैल जाएगा। सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और बिना देर किए कार्रवाई करनी चाहिए।"

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   9 Sept 2025 12:00 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story