राष्ट्रीय: बेंगलुरु स्थित एचएएल परिसर में एयर चीफ मार्शल एलएम कात्रे मेमोरियल लेक्चर का 16वां संस्करण आयोजित

बेंगलुरु स्थित एचएएल परिसर में एयर चीफ मार्शल एलएम कात्रे मेमोरियल लेक्चर का 16वां संस्करण आयोजित
एयर चीफ मार्शल एलएम कात्रे मेमोरियल लेक्चर का 16वां संस्करण शनिवार को बेंगलुरु स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) मैनेजमेंट अकादमी ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य एयर चीफ मार्शल एलएम कात्रे की विरासत और भारतीय विमानन क्षेत्र में उनके योगदान को याद करना था।

बेंगलुरु, 9 अगस्त (आईएएनएस)। एयर चीफ मार्शल एलएम कात्रे मेमोरियल लेक्चर का 16वां संस्करण शनिवार को बेंगलुरु स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) मैनेजमेंट अकादमी ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य एयर चीफ मार्शल एलएम कात्रे की विरासत और भारतीय विमानन क्षेत्र में उनके योगदान को याद करना था।

कार्यक्रम का आयोजन एयर फोर्स एसोसिएशन, कर्नाटक शाखा द्वारा, एचएएल बेंगलुरु के सहयोग से किया गया। इस अवसर पर भारतीय वायु सेना, एचएएल, डीआरडीओ और अन्य एयरोस्पेस इंडस्ट्री से जुड़े कई दिग्गज और अधिकारी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत एयर फोर्स स्कूल, एएसटीई के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना से हुई। इसके बाद एयर मार्शल एचबी राजाराम (सेवानिवृत्त), अध्यक्ष एयर फोर्स एसोसिएशन (कर्नाटक), ने उपस्थित लोगों का स्वागत किया। उन्होंने इस लेक्चर सीरीज की शुरुआत और उसके उद्देश्य पर प्रकाश डाला।

उन्होंने एयर चीफ मार्शल कात्रे के भारतीय सैन्य विमानन क्षेत्र में चार दशकों से भी ज्यादा लंबे करियर में दिए गए अमूल्य योगदान को भी याद किया।

एचएएल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर ने इस अवसर पर विशेष भाषण दिया, जिसमें उन्होंने एचएएल और वायुसेना के बीच लगातार मजबूत हो रही साझेदारी पर प्रकाश डाला।

मुख्य वक्ता एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, वायु सेना प्रमुख, ने अपने संबोधन में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की सराहना की। उन्होंने बताया कि आज के समय में वायु शक्ति आधुनिक सैन्य संघर्षों में सबसे अहम भूमिका निभाती है और राष्ट्रीय सुरक्षा में इसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के पीछे दो बड़ी वजहें थीं। पहली, सेना और सरकार के बीच अच्छा तालमेल था और सेना को काम करने की पूरी आजादी दी गई। दूसरी, वायु सेना ने तेज और मजबूत जवाब दिया, जिससे बड़ी मदद मिली।

उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में देश की सुरक्षा क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए स्वदेशीकरण, अनुसंधान एवं विकास, तीनों सेनाओं के बीच तालमेल और एकजुटता बेहद जरूरी है। इस मौके पर एक स्मारिका भी जारी की गई, जिसमें इस व्याख्यान श्रृंखला की स्मृतियां दर्ज हैं। साथ ही, एयर कोमोडोर चंद्रशेखर (सेवानिवृत्त) को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया।

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Created On :   9 Aug 2025 10:48 PM IST

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