अपराध: नोएडा अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के पांच शातिर गिरफ्तार, 17 गाड़ियां बरामद

नोएडा  अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के पांच शातिर गिरफ्तार, 17 गाड़ियां बरामद
नोएडा पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना सहित पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके पास से 17 गाड़ियां बरामद की है। यह गिरोह दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों से चार पहिया वाहन चोरी कर उनको अलग-अलग राज्यों में बेचा करता था।

नोएडा, 1 अगस्त (आईएएनएस)। नोएडा पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना सहित पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके पास से 17 गाड़ियां बरामद की है। यह गिरोह दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों से चार पहिया वाहन चोरी कर उनको अलग-अलग राज्यों में बेचा करता था।

गिरोह के सदस्य जब गाड़ियों को दूसरे राज्य में ले जाते थे तब वो मैकेनिक की ड्रेस में रहते थे। चेकिंग के दौरान खुद को मैकेनिक बताकर फर्जी नंबर प्लेट और कागज के जरिए गाड़ी निकालते थे। गिरोह ने अब तक सैकड़ों गाड़ियां चुराई है।

पुलिस ने बताया कि गिरोह के अब्बास उर्फ इकराम, कप्तान उर्फ भूरा उर्फ भूट्टन, आरिफ उर्फ डोरेमॉन, आसिफ उर्फ पाटू और अब्दुल रज्जाक को गिरफ्तार किया गया है। उनकी निशानदेही पर कुल 17 कार, 2 चाबी बनाने वाले टैब, 2 कप्लर डाटा, हाई फ्रीक्वेंसी डिवाइस कोड, 3 गाडी लॉक (इग्नेशन स्विच), 7 रिमोट चाबी, 26 साधारण चाबियां, 21 पैकेट विभिन्न गाड़ियों के सेंसर चिप बरामद किए गए हैं।

पुलिस ने बताया है कि गिरोह दिल्ली, उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों में सक्रिय है। इसके सदस्य अन्तर्राज्यीय स्तर के शातिर चोर हैं, जो विभिन्न प्रांतों से चार पहिया वाहनों की चोरी करते हैं और देश के विभिन्न जगहों में मनमाफिक रेट पर बेच देते हैं।

अभियुक्तगण दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद व अन्य स्थानों से चार पहिया वाहनों की चोरी करते हैं। इनके पास की-प्रोग्रामिंग पैड होता है, जिसे ऑनलाईन मंगवाते हैं। जिसका प्रयोग कर गाड़ी की इलेक्ट्रॉनिक कंटेंट मैनेजमेंट मशीन (ईसीएम) को रिप्रोग्राम कर लेते हैं। जिससे नया की-मोड जनरेट करने के बाद गाड़ी की डुप्लीकेट चाबी बनाते हैं। इस काम में इन्हें 5 से 10 मिनट का समय लगता है।

पुलिस ने बताया कि अभियुक्तगण वाहन चोरी करने के बाद नंबर प्लेट हटा देते हैं और गाड़ी को दो-तीन दिनों के लिए किसी पार्किंग अथवा सुनसान स्थान पर खड़ा कर देते हैं। अभियुक्तगण गाड़ियों के उपकरणों की अच्छी जानकारी रखते हैं तथा मैकेनिक भी हैं।

पुलिस चेकिंग के समय आगे चल रहा इनका साथी व्हाट्सएप पर सूचना देता था। ये अक्सर गाड़ी रोककर उसके खराब होने के बहाना बनाकर गाड़ी के नीचे लेटकर ठीक करने की एक्टिंग करने लग जाते थे। इस गैंग के चोरी किए गए वाहनों के खरीदार पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, चेन्नई व नार्थ-ईस्ट आदि प्रदेशों के होते हैं।

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Created On :   1 Aug 2024 6:23 PM IST

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