बिहार चुनाव डुमरांव में कभी नहीं जीती भाजपा, 2020 में भाकपा-माले ने परचम लहराया

बिहार चुनाव  डुमरांव में कभी नहीं जीती भाजपा, 2020 में भाकपा-माले ने परचम लहराया
डुमरांव के मतदाता एक बार फिर अपने जनप्रतिनिधि का चयन करने को तैयार हैं। बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से एक डुमरांव विधानसभा क्षेत्र बक्सर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यह विधानसभा क्षेत्र ऐतिहासिक, धार्मिक और राजनीतिक रूप से समृद्ध रहा है।

पटना, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। डुमरांव के मतदाता एक बार फिर अपने जनप्रतिनिधि का चयन करने को तैयार हैं। बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से एक डुमरांव विधानसभा क्षेत्र बक्सर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यह विधानसभा क्षेत्र ऐतिहासिक, धार्मिक और राजनीतिक रूप से समृद्ध रहा है।

डुमरांव विधानसभा में चौगाईं, केसठ और नवानगर सामुदायिक विकास खंड शामिल हैं। इसके अलावा चिलहरी, कुशलपुर, भोजपुर कदीम, भोजपुर जदीद, छतनवार, नुआंव, सोवां, अड़ियांव, नंदन, लखनडीहरा और डुमरांव प्रखंड की ग्राम पंचायतें भी इस क्षेत्र में आती हैं।

डुमरांव नगर की स्थापना 1709 ईस्वी में राजा होरिल सिंह ने की थी, जब उन्होंने अपनी राजधानी मथिला बक्सर से डुमरांव स्थानांतरित की थी। उस समय इस नगर को 'होरिलनगर' के नाम से भी जाना जाता था।

भौगोलिक दृष्टि से डुमरांव बक्सर जिला मुख्यालय से लगभग 7 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। गंगा नदी के समीप होने के कारण यह क्षेत्र अत्यंत उपजाऊ है और गंगीय मैदानों की समतल भौगोलिक संरचना लिए हुए है।

डुमरांव विधानसभा क्षेत्र में कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल स्थित हैं। तिरहुत बांध इस क्षेत्र का एक प्रमुख स्थल है, जो सिंचाई के साथ-साथ पिकनिक और पर्यटन के लिए भी प्रसिद्ध है। राजगढ़ स्थित बांके बिहारी मंदिर, काली जी का मंदिर और डुमरेजनी माई का मंदिर यहां के प्रमुख धार्मिक स्थल हैं। लालाटोली में स्थित राज राजेश्वरी मंदिर एक प्रसिद्ध तांत्रिक स्थल है, जो नवरात्र के दौरान तंत्र साधकों का केंद्र बन जाता है। इसके अलावा, छठिया पोखरा का राजेश्वर मंदिर और राम जानकी मंदिर अपनी ऐतिहासिकता और पौराणिकता के लिए प्रसिद्ध हैं।

राजनीतिक दृष्टि से भी डुमरांव विधानसभा का इतिहास समृद्ध रहा है। इस विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1951 में हुई थी और अब तक यहां 17 बार विधायक चुने जा चुके हैं। इनमें से कांग्रेस ने सात बार जीत दर्ज की है, जबकि जनता दल, जदयू और निर्दलीय प्रत्याशियों ने दो-दो बार सफलता हासिल की। इसके अलावा भाकपा, समाजवादी पार्टी, अखिल जन विकास दल और भाकपा-माले को एक-एक बार जीत मिली।

वर्तमान में डुमरांव सीट से भाकपा-माले के अजीत कुमार सिंह विधायक हैं। उन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू की प्रत्याशी अंजुम आरा को हराया था।

इस बार भी इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। कुल 16 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें प्रमुख रूप से भाकपा-माले से मौजूदा विधायक अजीत कुमार सिंह, जदयू से राहुल कुमार सिंह और जन सुराज से शिवांग विजय सिंह चुनावी मैदान में हैं।

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Created On :   27 Oct 2025 7:49 PM IST

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