सुरक्षा: ठोस प्रयासों से 2027 तक शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में आ पाएंगे राजनाथ सिंह

ठोस प्रयासों से 2027 तक शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में आ पाएंगे  राजनाथ सिंह
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भरोसा जताया कि ठोस प्रयासों से भारत 2027 तक स्वयं को शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में ला पाएगा।

नई दिल्ली, 28 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भरोसा जताया कि ठोस प्रयासों से भारत 2027 तक स्वयं को शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में ला पाएगा।

राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को स्वदेशी मिसाइल प्रणालियों के डिजाइन और विकास केंद्र का दौरा किया। उन्होंने यहां लंबी दूरी वाली हाइपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल परियोजना से जुड़ी टीम से मुलाकात की। इस हाइपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल की उड़ान का सफल परीक्षण बीते वर्ष नवंबर 2024 में हुआ था। इस सफल परीक्षण ने भारत को हाइपरसोनिक मिसाइल क्षमताओं वाले चुनिंदा देशों के समूह में शामिल कर दिया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को डीआरडीओ के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स का दौरा किया, जो स्वदेशी मिसाइल प्रणालियों के डिजाइन और विकास का केंद्र है। यहां उन्हें रिसर्च सेंटर इमारत (आरसीआई) की ओर से चलाए जा रहे मिसाइल प्रौद्योगिकियों और इससे जुड़े कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी गई। इस अवसर पर डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत, वरिष्ठ वैज्ञानिक और अधिकारी उपस्थित रहे।

वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करते हुए रक्षा मंत्री ने भारत की रक्षा क्षमताओं में उनके अद्वितीय योगदान के लिए उनकी सराहना की। रक्षा मंत्री ने भरोसा जताया कि ठोस प्रयासों से भारत 2027 तक स्वयं को शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में ला पाएगा। उन्होंने उनसे समर्पण और ईमानदारी के साथ काम करते हुए अपनी परियोजनाओं में तेजी से विकसित हो रहे तकनीकी परिवर्तन को ध्यान में लगाए रखने का आह्वान किया। इस मौके पर राजनाथ सिंह ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को भी भाव भीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, विशेषकर मिसाइल विकास में पूर्व राष्ट्रपति के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। वहीं, डीआरडीओ के अध्यक्ष ने महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के विकास और यह सुनिश्चित करने के लिए संगठन की प्रतिबद्धता दोहराई कि भारत 'आत्मनिर्भर' बनने के साथ-साथ प्रौद्योगिकी में अग्रणी भी बने। उन्होंने कहा, "डीआरडीओ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दृष्टिकोण को साकार करने का प्रयास करेगा कि रक्षा प्रणालियां भारत में बनाई जाएं और दुनिया के लिए बनाई जाएं।"

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Created On :   28 Feb 2025 9:53 PM IST

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