केन्या में बरसा कुदरत का कहर, भूस्खलन की चपेट में आने से 21 लोगों की मौत; 30 से ज्यादा लापता

केन्या में बरसा कुदरत का कहर, भूस्खलन की चपेट में आने से 21 लोगों की मौत; 30 से ज्यादा लापता
केन्या में भूस्खलन की वजह से जानमाल की काफी क्षति हुई है। पश्चिमी केन्या के एल्गेयो मारकवेट काउंटी के कुछ हिस्सों में हुए भीषण भूस्खलन में कम से कम 21 लोगों की मौत हुई और 30 से ज्यादा लोग लापता हैं।

केन्या, 2 नवंबर (आईएएनएस)। केन्या में भूस्खलन की वजह से जानमाल की काफी क्षति हुई है। पश्चिमी केन्या के एल्गेयो मारकवेट काउंटी के कुछ हिस्सों में हुए भीषण भूस्खलन में कम से कम 21 लोगों की मौत हुई और 30 से ज्यादा लोग लापता हैं।

न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय प्रशासन के कैबिनेट सचिव किपचुम्बा मुरकोमेन ने शनिवार को बताया कि गंभीर रूप से घायल 25 लोगों को बचा लिया गया है और नजदीकी अस्पतालों में उनका इलाज जारी है।

कैबिनेट सचिव मुरकोमेन ने बचाव स्थल पर पत्रकारों से कहा, "हमने इस त्रासदी में 21 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। 30 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं।"

उन्होंने कहा कि रविवार को फिर से बचाव अभियान शुरू होगा, जिसमें सेना, पुलिस और स्थानीय समुदायों की टीमें जमीनी स्तर पर काम में शामिल होंगी। भारी बारिश के कारण काउंटी के कई गांवों तक पहुंच मुश्किल हो गई है। इस आपदा के बाद लगातार भूस्खलन और पहुंच में परेशानी की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में भी दिक्कत आ रही है।

मुरकोमेन ने कहा कि प्रभावित परिवारों तक अतिरिक्त राहत सामग्री पहुंचाने की तैयारी चल रही है। इसके साथ ही इमरजेंसी और राहत पहुंच सुनिश्चित करने के लिए क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत का काम भी जारी है। भूस्खलन के जोखिम वाले इलाकों से परिवारों को सुरक्षित जगहों पर भेज दिया गया। साथ ही आपातकालीन प्रतिक्रिया के तहत लापता व्यक्तियों की सूचना देने के लिए एक डेस्क स्थापित किया गया है।

केन्या में बीते कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से भूस्खलन हो रहे हैं। इससे कई घरों में भारी तबाही मची और कई परिवार विस्थापित हो गए। जिन इलाकों में भूस्खलन का रिस्क ज्यादा है, अधिकारियों ने उन्हें सतर्क रहने और निकासी संबंधी सलाह का पालन करने का आग्रह किया है।

केन्या मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि कई क्षेत्रों में भारी बारिश जारी रहने की संभावना है। इसकी वजह से अचानक बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। इसका ज्यादा असर खासतौर से पहाड़ी और नदी क्षेत्रों में ज्यादा देखने को मिलेगा।

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Created On :   2 Nov 2025 9:36 AM IST

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