समाज: कालिंदी कुंज से नोएडा एयरपोर्ट महज 30 मिनट में, एनएचएआई करवा रहा है सर्वे

कालिंदी कुंज से नोएडा एयरपोर्ट महज 30 मिनट में, एनएचएआई करवा रहा है सर्वे
ग्रेटर नोएडा के जेवर इलाके में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दिल्ली और हरियाणा की कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए एनएचएआई बड़ी पहल करने जा रही है। एनएचएआई ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे के समांतर एक और एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए सर्वे का काम दोबारा शुरू कर दिया है।

नोएडा, 11 मई (आईएएनएस)। ग्रेटर नोएडा के जेवर इलाके में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दिल्ली और हरियाणा की कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए एनएचएआई बड़ी पहल करने जा रही है। एनएचएआई ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे के समांतर एक और एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए सर्वे का काम दोबारा शुरू कर दिया है।

इसके बनने से न केवल नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर वाहनों का दबाव कम होगा बल्कि 10 लाख से ज्यादा वाहन चालकों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में काफी आसानी होगी। इस एक्सप्रेस वे की लंबाई करीब 32 किलोमीटर होगी, जिसमें 28 किलोमीटर नोएडा क्षेत्र में और 4 किलोमीटर एयरपोर्ट से लिंक करने में बनाया जाएगा।

एनएचएआई जल्द ही पुस्ता रोड समेत अन्य विकल्पों पर सर्वे कर अपनी रिपोर्ट बनाएगा। इसके बाद ये फैसला लिया जाएगा कि इस सड़क का निर्माण एनएचएआई करेगा या फिर नोएडा प्राधिकरण इसे बनाएगा।

इस नए एक्सप्रेस वे से दिल्ली, हरियाणा और यूपी के कई शहरों को सीधा फायदा पहुंचेगा। वर्तमान में नोएडा एक्सप्रेस वे पर रोजाना करीब 10 से 15 लाख वाहन चलते हैं। ये इसकी क्षमता से कहीं ज्यादा है। इसलिए नया एक्सप्रेस बनाने पर विचार किया गया। इसकी फिजिबिलिटी तैयार की जा रही है। इस एक्सप्रेसवे को दिल्ली कालिंदी कुंज के पास मुंबई बड़ोदरा एक्सप्रेस से जोड़ने का प्लान है।

इसके बनने से हरियाणा के फरीदाबाद, बल्लभगढ़, दिल्ली के बदरपुर, नेहरु प्लेस और नोएडा का अधिकतर ट्रैफिक, जो मौजूदा एक्सप्रेस वे का प्रयोग करते हैं, वो सीधे नए एक्सप्रेस के जरिए यमुना एक्सप्रेस से आगरा, अलीगढ़, मथुरा, नोएडा एयरपोर्ट और लखनऊ तक आ जा सकेंगे। उनको जाम का सामना नहीं करना होगा। इसलिए इस एक्सप्रेस वे की फिजिबिलिटी और जरुरत ज्यादा है।

इस प्रोजेक्ट को बनाने में करीब 2 से 2.5 हजार करोड़ रुपए का खर्चा होगा, सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट दोनों को ही लागत वहन करनी होगी। मौजूदा समय में प्राधिकरण इतनी बड़ी रकम प्रोजेक्ट पर खर्च करने में असमर्थ है। इसकी वजह प्राधिकरण के पास आय के साधन समाप्त होना है।

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Created On :   11 May 2024 3:11 PM IST

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