उधमपुर के 35 किसानों का पंजाब में एक्सपोजर विजिट, सीखेंगे मॉडर्न फार्मिंग

उधमपुर के 35 किसानों का पंजाब में एक्सपोजर विजिट, सीखेंगे मॉडर्न फार्मिंग
केंद्र सरकार के एटीएमए (एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एजेंसी) प्रोग्राम के तहत, उधमपुर जिले में बागवानों की इनकम दोगुनी करने के लिए, 35 किसानों के एक ग्रुप को पंजाब में पालमपुर हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी और लुधियाना की एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में एक्सपोजर विजिट के लिए भेजा गया।

उधमपुर, 2 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार के एटीएमए (एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एजेंसी) प्रोग्राम के तहत, उधमपुर जिले में बागवानों की इनकम दोगुनी करने के लिए, 35 किसानों के एक ग्रुप को पंजाब में पालमपुर हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी और लुधियाना की एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में एक्सपोजर विजिट के लिए भेजा गया।

इस विजिट का मकसद किसानों को बागवानी की एडवांस्ड टेक्निक और मॉडर्न तरीकों से रूबरू कराना है, ताकि वे अपने बागों और खेतों में प्रोडक्टिविटी और प्रॉफिट बढ़ा सकें।

एटीएमए स्कीम का फोकस ट्रेनिंग, एक्सपोजर विजिट और किसानों की क्षमता बढ़ाने पर है। इसका उद्देश्य है कि किसान नई तकनीक अपनाकर अपनी इनकम बढ़ा सकें। इससे सिर्फ बड़े किसान ही नहीं, बल्कि युवा पीढ़ी भी बागवानी में रुचि ले रही है और इसमें अपने भविष्य के लिए स्किल्स और एक्सपीरियंस हासिल कर रही है।

विधायक पवन गुप्ता ने बताया कि उधमपुर के चीफ हॉर्टिकल्चर ऑफिसर ने यह टूर ऑर्गनाइज किया है। इसके तहत सबसे पहले किसान पालमपुर जाएंगे, जो हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी के लिए मशहूर है, और फिर लुधियाना की एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी का रुख करेंगे। दोनों जगह किसान नई तकनीक, हाई-डेंसिटी प्लांटेशन और आधुनिक खेती के तरीके सीखेंगे।

उन्होंने कहा कि हाई-डेंसिटी हॉर्टिकल्चर फार्मिंग का कॉन्सेप्ट कश्मीर में लगभग 14-15 साल पहले आया था, लेकिन हमारे जिले में ये नया है। पहले अखरोट या अन्य फल के पेड़ लगाने के बाद 10 साल तक फल नहीं आते थे। आजकल हाई-डेंसिटी फार्मिंग में एक साल के अंदर ही फल मिलने लगते हैं। इससे किसान जल्दी लाभ कमाते हैं और उनकी मेहनत का फल जल्दी मिलता है।

उन्होंने बताया कि छत्रली के एक युवक ने लगभग 20 एकड़ में कीवी के पेड़ लगाए हैं। ऐसे युवाओं की संख्या बढ़ रही है जो हॉर्टिकल्चर और खेती में आगे बढ़ना चाहते हैं। सरकार की पहल से उन्हें नई तकनीक सीखने, स्किल बढ़ाने और आत्मनिर्भर बनने का मौका मिल रहा है।

इसके अलावा, भारत में फलों की खेती और सप्लाई बढ़ने लगी है। पहले बहुत सारे फल बाहर से आते थे, लेकिन अब स्थानीय उत्पादन बढ़ने से लोगों को ताजे फल आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ रही है, बल्कि आम लोगों को भी स्वस्थ और पोषक तत्वों वाले फल सस्ते में मिल रहे हैं।

वहीं चीफ हॉर्टिकल्चर अफसर बृजबल्लभ गुप्ता ने बताया कि इस ट्रेनिंग के दौरान किसान हाई-डेंसिटी प्लांटेशन, एप्पल, स्टोन फ्रूट्स और सिट्रस की नई वैरायटीज के बारे में जानेंगे। ये तकनीकें सीखकर किसान अपने बाग में लागू करेंगे और अपने पड़ोसियों को भी प्रेरित करेंगे। इससे उनके रोजगार और आमदनी दोनों बढ़ेंगे।

विशाल जैसे युवा किसान मिशन जुबा से पहले भी लाभ उठा चुके हैं। उन्होंने 7 कनाल का ऑर्चर्ड शुरू किया था और अब 20 कनाल में कीवी का ऑर्चर्ड लगा रहे हैं। इससे युवा किसानों को यह प्रेरणा मिलती है कि मेहनत और नई तकनीक से खेती में सफलता पाई जा सकती है।

सरकार की यह पहल न केवल किसानों की आय बढ़ा रही है, बल्कि पूरे जिले में बागवानी की संस्कृति को बढ़ावा दे रही है। युवा पीढ़ी अब बागवानी और खेती को बिजनेस के तौर पर देख रही है। इससे उनके आत्मविश्वास, स्किल्स और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।

यह टूर किसानों को नई तकनीक, आधुनिक कृषि प्रबंधन और हाई-प्रोडक्शन तरीकों से अवगत कराएगा। इससे किसान अपनी फसल जल्दी और बेहतर तरीके से तैयार कर सकेंगे। इससे स्थानीय उत्पादन बढ़ेगा और लोग ताजे फल कम कीमत में प्राप्त कर सकेंगे।

वहीं, युवा किसान विशाल ने बताया कि वह आधुनिक तकनीक सीखने और बाग मैनेजमेंट का प्रैक्टिकल अनुभव लेने के लिए बहुत उत्साहित हैं। उनका कहना है कि ऐसी ट्रेनिंग से उनकी स्किल्स बढ़ेंगी, वे आत्मनिर्भर बनेंगे और बागवानी में अपना करियर मजबूत कर पाएंगे।

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Created On :   2 Dec 2025 5:09 PM IST

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