जम्मू-कश्मीर में सर्दी का प्रकोप, माइनस 3.9 डिग्री पहुंचा तापमान

जम्मू-कश्मीर में सर्दी का प्रकोप, माइनस 3.9 डिग्री पहुंचा तापमान
बढ़ती सर्दी के साथ पहाड़ी इलाकों का मौसम गलन पैदा करने वाला हो रहा है। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर शहर में बुधवार को इस मौसम की अब तक की सबसे ठंडी रात दर्ज की गई, जहां तापमान माइनस 3.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।

श्रीनगर, 26 नवंबर (आईएएनएस)। बढ़ती सर्दी के साथ पहाड़ी इलाकों का मौसम गलन पैदा करने वाला हो रहा है। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर शहर में बुधवार को इस मौसम की अब तक की सबसे ठंडी रात दर्ज की गई, जहां तापमान माइनस 3.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।

माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में तापमान और ज्यादा गिरेगा। मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, आने वाले दिनों में सर्दी का प्रकोप और अधिक होगा। 10 दिसंबर तक गलन महसूस कराने वाली ठंड पड़ेगी, हालांकि उसके साथ ही मौसम सर्द और शुष्क रहेगा। इस दौरान न्यूनतम तापमान माइनस 3.9 डिग्री से नीचे जा सकता है। बुधवार को शून्य से 3.9 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जो इस सीजन की अब तक की सबसे ठंडी रात रही है।

वहीं, गुलमर्ग और पहलगाम में तापमान शून्य से 4.6 डिग्री नीचे दर्ज किया गया है। जम्मू-कश्मीर के बाकी शहरों के तापमान की बात करें तो जम्मू शहर का तापमान 8.8 डिग्री सेल्सियस, बनिहाल में तापमान 0.7 डिग्री सेल्सियस, कटरा में 8.5 डिग्री सेल्सियस, बटोत में 4.6 डिग्री सेल्सियस और भद्रवाह में 0.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

कड़ाके की सर्दी से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं। पर्यटकों के लिए भी जगह-जगह प्रशासन अलाव का इंतजाम कर रहा है। कई इलाकों में धूंध की वजह से विजिबिलिटी कम है और कई इलाकों में सूरज दिखाई ही नहीं दे रहा है। बढ़ती ठंड और बर्फबारी की वजह से सुबह बच्चों का भी स्कूल जाना मुश्किल हो रहा है। अधिकारियों ने ठंड को देखते हुए फैसला लिया है कि आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए शीतकालीन अवकाश 1 दिसंबर से शुरू होंगे, जबकि कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों के लिए शीतकालीन अवकाश 11 दिसंबर से शुरू होंगे।

बता दें कि हर साल दिसंबर और जनवरी के महीने में 40 दिन स्थानीय लोगों के लिए बहुत मुश्किलों में बीतते हैं क्योंकि ठंड की वजह से पानी भी पाइप में जम जाता है। इन परेशानियों से बचने के लिए लोगों को पहले से भी खाने-पीने, दवा, अनाज और बाकी जरूरी चीजों को इकट्ठा करके रखना पड़ता है। इन 40 दिनों को 'चिल्लई कलां' कहा जाता है। 'चिल्लई कलां' के वक्त तापमान माइनस में बहुत नीचे पहुंच जाता है। ये दिन 21 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक रहेंगे।

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Created On :   26 Nov 2025 12:21 PM IST

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