राष्ट्रीय: जगन्नाथ रथयात्रा 2025 रथ निर्माण में 44 जोका टुकड़ों को तराशकर तीनों रथों पर लगाने का काम पूरा

जगन्नाथ रथयात्रा 2025  रथ निर्माण में 44 जोका टुकड़ों को तराशकर तीनों रथों पर लगाने का काम पूरा
ओडिशा के पुरी में होने वाली भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा की तैयारियां तेज हो गई हैं। इसके तहत रथ निर्माण का कार्य 41वें दिन भी पूरे जोश के साथ जारी रहा। सुबह से ही निर्माण सेवक रथशाला में एकत्रित हुए। प्रमुख महाराणा की देखरेख में निर्माण कार्य शुरू हुआ, जिसमें विभिन्न सेवकों ने मिलकर रथ निर्माण की प्रगति को आगे बढ़ाया।

पुरी, 10 जून (आईएएनएस)। ओडिशा के पुरी में होने वाली भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा की तैयारियां तेज हो गई हैं। इसके तहत रथ निर्माण का कार्य 41वें दिन भी पूरे जोश के साथ जारी रहा। सुबह से ही निर्माण सेवक रथशाला में एकत्रित हुए। प्रमुख महाराणा की देखरेख में निर्माण कार्य शुरू हुआ, जिसमें विभिन्न सेवकों ने मिलकर रथ निर्माण की प्रगति को आगे बढ़ाया।

रथ निर्माण के तहत तीनों रथों (नंदीघोष, तालध्वज और देवदलन) के लिए अब तक 32 गेला मोड़ा (बीम फिटिंग) का कार्य पूरा हो चुका था। भोई सेवकों ने तीनों रथों पर जोका (लकड़ी के टुकड़े) फिट करने के लिए डेरा (ढांचा) का निर्माण पूरा किया।

मंगलवार को महाराणा सेवकों ने 44 जोका टुकड़ों को तराशकर तीनों रथों पर फिट करने का काम पूरा किया। इसके बाद ओझा सेवकों ने इन जोका टुकड़ों पर कांटा (खूंटे) लगाए, जिससे रथों की संरचना और मजबूती बढ़ी। रथ निर्माण के मुख्य महाराणा की निगरानी में महाराणा और भोई सेवकों ने तीनों रथों के लिए प्रथम भुई ढांचे का निर्माण पूरा किया। भुई ढांचे के विभिन्न हिस्सों की संख्या भी पूरी की गई, जो रथों की आधार संरचना के लिए महत्वपूर्ण है। यह कार्य रथ निर्माण की जटिल प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।

इसके अलावा, रूपकार सेवक तीनों रथों के नट (स्तंभ) पर गंधर्व और राहु की आकृतियां उकेरने में लगे हैं, जो रथों की सौंदर्यिक और धार्मिक महत्ता को बढ़ाता है। दूसरी ओर, डोला बेदी परिसर में अस्थायी कार्यशाला में ओझा सेवक भुई कांटा और पोतोला कांटा (खूंटे) का निर्माण कर रहे हैं, जो रथों की मजबूती के लिए आवश्यक है।

रथ निर्माण के मुख्य महाराणा ने बताया कि रथयात्रा की तैयारियां अब अंतिम चरण की ओर बढ़ रही हैं। विभिन्न सेवकों का समर्पण और सामूहिक प्रयास यह सुनिश्चित कर रहा है कि रथ निर्माण समय पर और परंपराओं के अनुरूप पूरा हो। यह प्रक्रिया न केवल तकनीकी कौशल को दर्शाती है, बल्कि जगन्नाथ संस्कृति के गहरे आध्यात्मिक महत्व को भी उजागर करती है।

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Created On :   10 Jun 2025 6:18 PM IST

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