मानवीय रुचि: अटारी-वाघा बॉर्डर पर रिट्रीट सेरेमनी के समय में बदलाव, अब शाम 6 से 630 बजे तक होगा आयोजन

अटारी-वाघा बॉर्डर पर रिट्रीट सेरेमनी के समय में बदलाव, अब शाम 6 से 630 बजे तक होगा आयोजन
भारत-पाकिस्तान सीमा पर हर रोज आयोजित होने वाली अटारी-वाघा बॉर्डर रिट्रीट सेरेमनी के समय में बदलाव किया गया है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने जानकारी दी है कि 15 अगस्त के बाद से इस सेरेमनी का नया समय शाम 6:00 बजे से 6:30 बजे तक रहेगा।

अमृतसर, 16 अगस्त (आईएएनएस)। भारत-पाकिस्तान सीमा पर हर रोज आयोजित होने वाली अटारी-वाघा बॉर्डर रिट्रीट सेरेमनी के समय में बदलाव किया गया है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने जानकारी दी है कि 15 अगस्त के बाद से इस सेरेमनी का नया समय शाम 6:00 बजे से 6:30 बजे तक रहेगा।

पहले यह सेरेमनी शाम साढ़े छह बजे शुरू होकर सात बजे तक चलती थी। लेकिन, अब बीएसएफ ने मौसम में आई तब्दीली को देखते हुए समय में यह परिवर्तन किया है।

बीएसएफ अधिकारियों के मुताबिक, बदलते मौसम और जल्दी दिन ढलने के कारण यह फैसला लिया गया है। अब सेरेमनी में शामिल होने आने वाले पर्यटकों को भी अधिक सुविधा होगी।

रिट्रीट सेरेमनी देशभक्ति से ओत-प्रोत माहौल और आकर्षक सैन्य प्रदर्शन के कारण हमेशा से ही पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण रही है। भारत-पाकिस्तान सीमा पर होने वाला यह आयोजन हर दिन बड़ी संख्या में देश-विदेश से आने वाले सैलानियों को आकर्षित करता है।

गौरतलब है कि अमृतसर के पास अटारी-वाघा बॉर्डर पर होने वाली यह रिट्रीट सेरेमनी दोनों देशों की सीमा पर 1959 से होने वाला एक अनूठा और उत्साहपूर्ण सैन्य समारोह है, जिसमें राष्ट्रीय झंडे उतारने की प्रक्रिया शामिल होती है। दोनों देशों के सैनिकों की जोशीली परेड के कारण यह सेरेमनी विश्वभर में मशहूर है। अटारी-वाघा जॉइंट चेक पोस्ट अमृतसर से लगभग 30 किमी और पाकिस्तान के लाहौर से 22 किमी दूर है, जहां करीब 25,000 दर्शक बीटिंग रिट्रीट समारोह को देखने आते हैं।

'बीटिंग द रिट्रीट' को भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और पाकिस्तान रेंजर्स बखूबी निभाते हैं। जैसे ही सूरज ढलने लगता है, यह भारतीय और पाकिस्तानी सैनिकों की जोशीली परेड के साथ शुरू होती है, जिसका समापन राष्ट्रीय ध्वजों को एक साथ नीचे उतारने के साथ होता है। जैसे ही शाम ढलती है, लोहे के गेट खुल जाते हैं और झंडे एक साथ नीचे उतर आते हैं। झंडे फहराने के बाद, सैनिकों के बीच हाथ मिलाने का एक संक्षिप्त आदान-प्रदान समारोह के समापन का संकेत देता है, जिसके साथ द्वार बंद हो जाते हैं।

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Created On :   16 Aug 2025 10:44 AM IST

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