भारतीय वित्तीय क्षेत्र में आया 65,000 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश, एक्सपर्ट बोले- अस्थिरता के दौर में देश विकास और स्थिरता का एक अनोखा मिश्रण
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। विदेशी बैंकों और बड़ी निवेश संस्थाओं की ओर से देश के वित्तीय क्षेत्र में हाल ही में आए भारी निवेश पर एक्सपर्ट्स ने कहा कि भारत वृद्धि और स्थिरता का अनोखा मिश्रण पेश करता है और विदेशी निवेशक यहां पैसा लगाकर अनिश्चितता के समय में स्थिर रिटर्न कमाना चाहते हैं।
बीते कुछ महीनों में बड़े विदेशी बैंकों और वैश्विक वित्तीय संस्थाओं जैसे एमिरेट्स एनबीडी, ब्लैकस्टोन, एसएमबीसी, आईएचसी और एडीआईए ने भारत के वित्तीय क्षेत्र में 65,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया है और फेडरल बैंक, आरबीएल बैंक, यस बैंक, सम्मान कैपिटल और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में हिस्सेदारी हासिल की है।
एसबीआई सिक्योरिटीज के फंडामेंटल रिसर्च हेड सन्नी अग्रवाल ने कहा कि वैश्विक बैंकों के भारत के वित्तीय क्षेत्र पर बुलिश रहने का कारण मजबूत नियामक सुधार, स्थिर मैक्रो फंडामेंटल्स और एसेट क्वालिटी में सुधार होना है।
उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ईसीएल पर नए ऐलान ने इस सेंटीमेंट को और मजबूत किया है। एक्सपेक्टेड क्रेडिट लॉस (ईसीएल) फ्रेमवर्क 1 अप्रैल, 2027 से चरणबद्ध तरीके से लागू होगा और 31 मार्च, 2031 तक पूरी तरह से लागू हो जाएगा। इससे अनुपालन और कैपिटल प्लानिंग पहले के मुकाबले आसान हो जाएगी।
मास्टर कैपिटल सर्विसेज में एवीपी (रिसर्च और एडवाइजरी) विष्णु कांत उपाध्याय ने कहा कि भारतीय बैंक वैश्विक स्तर पर विदेशी निवेश आकर्षित करने में सफल हो रहे हैं। इसकी वजह एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स) का 10 वर्षों के निचले स्तर पर होना और मजबूत क्रेडिट ग्रोथ होना है।
उन्होंने आगे कहा कि यस बैंक, फेडरल बैंक और आरबीएल बैंक में बड़े साइज का विदेश निवेश, लंबी अवधि में इन बैकों की गवर्नेंस , मुनाफे और स्केलेबिलिटी में निवेशकों के विश्वास को दिखाता है।
अग्रवाल ने आगे आगे कहा कि भारतीय बैंकों का एनपीए कई वर्षों के न्यूनतम स्तर पर है और जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 26 में 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वहीं, तेज डिजिटलीकरण और बड़ी संख्या में अल्प बैंकिंग सुविधाओं वाली जनसंख्या के कारण भारत विकास और स्थिरता का एक अनोखा मिश्रण उपलब्ध कराता है।
ऐसे में वैश्विक अस्थिरता के समय में स्थायी रिटर्न चाहने वाले वैश्विक निवेशकों के लिए, भारत का वित्तीय क्षेत्र एक कम जोखिम, उच्च अवसर वाला बाजार है, जो सुदृढ़ नीति और सुधार की गति से समर्थित है।
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Created On :   28 Oct 2025 3:21 PM IST












