संस्कृति: बस्तर दशहरा 700 साल पुरानी परंपरा के साथ महापर्व शुरू, काछन गादी रस्म ने बांधा समां

जगदलपुर, 21 सितंबर (आईएएनएस)। अपनी अनूठी और आकर्षक परंपराओं के लिए विश्वविख्यात बस्तर का महापर्व दशहरा रविवार रात से शुरू हो गया। 75 दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत काछन गादी की विशेष रस्म के साथ हुई, जो करीब 700 साल से चली आ रही है।
यह परंपरा आज भी पूरे आस्था और श्रद्धा के साथ निभाई जाती है। इस रस्म में अनुसूचित जाति के एक विशेष परिवार की नाबालिग कुंवारी कन्या कांटों से बने झूले पर लेटकर बस्तर राजपरिवार को दशहरा शुरू करने की अनुमति देती है।
मान्यता है कि इस कन्या के भीतर स्वयं काछनदेवी प्रवेश कर महापर्व को निर्बाध संपन्न कराने का आशीर्वाद देती हैं। इस वर्ष 10 साल की पीहू ने काछनदेवी का रूप धारण कर पर्व शुरू करने की अनुमति दी।
काछन गुड़ी परिसर में आयोजित इस अनूठी रस्म को देखने बस्तर राजपरिवार, स्थानीय जनप्रतिनिधि और हजारों श्रद्धालु पहुंचे।
बस्तर राजपरिवार के सदस्य कमलचंद भंजदेव ने बताया कि हर साल नवरात्रि से एक दिन पहले पितृमोक्ष अमावस्या को काछन गादी रस्म निभाकर राजपरिवार दशहरा मनाने की अनुमति प्राप्त करता है। इस दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ हजारों लोग इस परंपरा का साक्षी बनने काछन गुड़ी पहुंचते हैं।
उन्होंने कहा कि बस्तर दशहरा अपनी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के लिए विश्व में प्रसिद्ध है। यह पर्व 75 दिनों तक चलता है और इसमें 12 से अधिक रस्में निभाई जाती हैं, जो अपनी अनूठी विशेषताओं के लिए जानी जाती हैं।
बस्तर दशहरा न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का भी प्रतीक है। इस पर्व में शामिल होने के लिए न केवल देश, बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में सैलानी जगदलपुर पहुंचते हैं।
काछन गादी के बाद आने वाली रस्मों में मां दंतेश्वरी की पूजा, रथ यात्रा, मुरिया दरबार और जोगी बिठाई जैसी परंपराएं शामिल हैं, जो बस्तर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती हैं। ये रस्में स्थानीय आदिवासी संस्कृति और परंपराओं को जीवंत रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
बस्तर दशहरा का आकर्षण इसकी अनूठी परंपराओं और सामुदायिक सहभागिता में निहित है। यह पर्व न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि बस्तर की सांस्कृतिक पहचान को विश्व पटल पर उजागर करता है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि यह महापर्व क्षेत्र में सुख, समृद्धि और शांति लाता है। इस वर्ष भी बस्तर दशहरा अपनी भव्यता और परंपराओं के साथ पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा है।
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Created On :   21 Sept 2025 11:25 PM IST