बैडमिंटन: 12 जून जब साइना नेहवाल ने दूसरी बार जीती ऑस्ट्रेलिया ओपन सुपर सीरीज, भारतीय बैडमिंटन जगत का 'स्वर्णिम दिन'

12 जून  जब साइना नेहवाल ने दूसरी बार जीती ऑस्ट्रेलिया ओपन सुपर सीरीज, भारतीय बैडमिंटन जगत का स्वर्णिम दिन
12 जून...भारतीय खेल जगत के 'स्वर्णिम दिन' के तौर पर याद किया जाता है। इसी दिन साल 2016 में साइना नेहवाल ने बैडमिंटन में अपना लोहा मनवाया था। ये वही दिन है, जब साइना ने 'ऑस्ट्रेलिया ओपन सुपर सीरीज' अपने नाम की थी।

नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)। 12 जून...भारतीय खेल जगत के 'स्वर्णिम दिन' के तौर पर याद किया जाता है। इसी दिन साल 2016 में साइना नेहवाल ने बैडमिंटन में अपना लोहा मनवाया था। ये वही दिन है, जब साइना ने 'ऑस्ट्रेलिया ओपन सुपर सीरीज' अपने नाम की थी।

ऐसा नहीं कि ये साइना नेहवाल का पहला ऑस्ट्रेलिया ओपन सुपर सीरीज खिताब था। साल 2014 में भी साइना इस टाइटल पर अपना कब्जा कर चुकी थीं, लेकिन दूसरी बार ये उपलब्धि हासिल करने के साथ उन्होंने अपने रिकॉर्ड को मजबूत कर दिया।

भले ही साइना इससे पहले सुन यू के खिलाफ छह मुकाबलों में पांच अपने नाम कर चुकी थीं। उन्होंने चाइना ओपन में भी सुन के विरुद्ध जीत दर्ज की थी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ओपन सुपर सीरीज के फाइनल में सून को कमतर नहीं आंका जा सकता था।

साइना उस वक्त वर्ल्ड रैंकिंग में आठवें पायदान पर थीं, लेकिन सिडनी में खेले गए इस फाइनल के पहले गेम में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पा रही थीं। इस दौरान उनसे कुछ गलतियां भी हुईं।

वर्ल्ड रैंकिंग में 12वें पायदान पर मौजूद सुन यू ने 10-5 से बढ़त बनाने के बाद पहला गेम 21-11 से अपने नाम कर लिया।

भले ही पहला गेम साइना नेहवाल के पक्ष में नहीं रहा, लेकिन अगले गेम में उन्होंने शानदार वापसी कर ली। साइना ने सुन यू के खिलाफ जोरदार वापसी करते हुए इस गेम को 21-14 से अपने नाम कर लिया।

दूसरे गेम में वापसी के साथ साइना अपने रंग में आ गई थीं, लेकिन तीसरा गेम कांटे की टक्कर का रहा। दोनों ही खिलाड़ी प्वाइंट्स के लिए संघर्ष करती दिखीं, लेकिन आखिरकार साइना ने तीसरा गेम 21-19 से जीतकर फाइनल अपने नाम कर लिया।

लंदन ओलंपिक-2012 में ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद साइना ने दूसरी बार ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर सीरीज अपने नाम कर ली थी, जिसके बाद उन्होंने साल 2017 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता।

इसके बाद साल 2018 में गोल्ड कोस्ट में खेला गया कॉमनवेल्थ गेम्स साइना नेहवाल के लिए बेहद खास रहा, जहां उन्होंने दो गोल्ड मेडल अपने नाम किए।

साइना ने 'मिक्स्ड टीम' और 'विमेंस सिंगल्स' में गोल्ड जीतकर बैडमिंटन जगत में अपना लोहा मनवा लिया। साइना कॉमनवेल्थ गेम्स के सिंगल्स इवेंट में दो गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय शटलर बनीं।

एशियन चैंपियनशिप-2018 और एशियन गेम्स-2018 में साइना ने ब्रॉन्ज जीतकर इस साल अपना दबदबा कायम रखा, लेकिन इस शानदार साल के बाद साइना किसी बड़े इवेंट में पदक नहीं जीत सकीं।

17 मार्च 1990 को हिसार में जन्मीं साइना नेहवाल ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय शटलर हैं। साल 2008 में बीडब्लूएफ वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप जीतने के बाद इसी साल उन्होंने बीजिंग ओलंपिक में हिस्सा लिया, लेकिन उन्हें अपना पहला ओलंपिक पदक साल 2012 में मिला।

इसके बाद साइना उन तमाम खिलाड़ियों के लिए रोल मॉडल बनीं, जो बैडमिंटन में नाम कमाने का सपना देख रहे थे। साल 2008, 2012 के बाद साइना ने 2016 रियो ओलंपिक में भी देश का प्रतिनिधित्व किया था। साल 2023 में सिंगापुर ओपन में हिस्सा लेने के बाद से साइना ने कोई प्रतिस्पर्धी टूर्नामेंट नहीं खेला। अगले साल उन्होंने खुलासा किया कि वह अर्थराइटिस की वजह से रिटायरमेंट का प्लान कर रही हैं, जिसने उनके फैंस को चौंका दिया।

साइना नेहवाल को उनके शानदार प्रदर्शन के चलते अर्जुन अवॉर्ड (2009), पदम श्री (2010) और पद्म भूषण (2016) से नवाजा जा चुका है।

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Created On :   11 Jun 2025 6:12 PM IST

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