राजनीति: 34 ध्रुव हेलीकाप्टरों की खरीद व पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड एयरक्राफ्ट को मंजूरी

34 ध्रुव हेलीकाप्टरों की खरीद व पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड एयरक्राफ्ट को मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई रक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने 34 ध्रुव हेलीकाप्टरों की खरीद व पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) को मंजूरी दी है। एएमसीए बन जाने पर भारत उस श्रेणी में पहुंच जाएगा, जहां फिलहाल चीन, रूस और अमेरिका हैं।

नई दिल्ली, 7 मार्च (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई रक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने 34 ध्रुव हेलीकाप्टरों की खरीद व पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) को मंजूरी दी है। एएमसीए बन जाने पर भारत उस श्रेणी में पहुंच जाएगा, जहां फिलहाल चीन, रूस और अमेरिका हैं।

कैबिनेट ने एडवांस्ड मीडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट के डिजाइन और विकास की परियोजना को अपनी मंजूरी प्रदान की है।

गौरतलब है कि इन मंजूरियों के बाद करीब आठ हजार करोड़ रुपये की लागत से 34 ध्रुव हेलीकाप्टरों की खरीद का रास्ता साफ हो गया है। इन हेलीकाप्टरों में से 25 हेलीकाप्टर थलसेना को और नौ हेलीकाप्टर भारतीय तटरक्षक बल को मिलेंगे।

जानकारी के मुताबिक, करीब 15,000 करोड़ रुपये की एएमसीए परियोजना के तहत डीआरडीओ, प्राइवेट ओर पब्लिक क्षेत्र की कंपनियां के साथ साझेदारी करके स्टेल्थ युद्धक विमान एवं उससे जुड़ी तकनीक डेवलप करेगा। स्टेल्थ युद्धक विमान ऐसी टेक्नोलॉजी से युक्त होते हैं, जो रडार की पकड़ में नहीं आते। इसका पहला प्रोटोटाइप साल 2026 तक बन जाएगा। इसमें जनरल इलेक्ट्रिक 414 के दो इंजन होंगे। इसके लिए पांच प्रोटोटाइप रक्षा डीआरडीओ की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) द्वारा राज्य संचालित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और निजी कंपनियों के साथ बनाए जाएंगे।

गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "2014 के आसपास जहां हमारा डोमेस्टिक डिफेंस प्रोडक्शन लगभग 40 हजार करोड़ रूपये था, वहीं आज यह लगभग 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपये के रिकॉर्ड आंकड़े को पार कर चुका है। 9-10 साल पहले रक्षा उपकरणों का निर्यात जहां कुछ हजार करोड़ रुपये सालाना नहीं हुआ करता था, वह आज लगभग 16 हज़ार करोड़ रुपये सालाना हो गया है। अब यह लगभग बीस हज़ार करोड़ पहुंच चुका है। हमारा लक्ष्य क़रीब 50000 करोड़ तक रक्षा सामग्री का निर्यात करने का है।"

रक्षा मंत्री के मुताबिक, भारत ने मेक इन इंडिया और डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर जैसे इनीशिएटिव के माध्यम से यह सुनिश्चित किया कि हम अपनी सेनाओं की जरूरत के लिए अत्याधुनिक हथियार भारत में ही निर्मित करें, और यदि संभव हो तो हम उसे निर्यात भी करें। रक्षा मंत्री ने बताया कि डोमेस्टिक कंपनियां के हितों का भी ध्यान रखा गया। सरकार ने डिफेंस कैपिटल प्रोक्योरमेंट करने के लिए रक्षा बजट का 75 प्रतिशत, डोमेस्टिक कंपनियां से खरीद के लिए रिजर्व किया है।

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Created On :   7 March 2024 10:50 PM IST

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