रक्षा: 6 अगस्त 1971 जब हुए थे अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन और पाकिस्तानी राजनयिकों के इस्तीफे

6 अगस्त 1971  जब हुए थे अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन और पाकिस्तानी राजनयिकों के इस्तीफे
6 अगस्त 1971 को, जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर था और उपमहाद्वीप युद्ध की ओर बढ़ रहा था, तब एक और पाकिस्तानी राजनयिक ने अपनी सेवाओं से इस्तीफा दे दिया था।

नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। 6 अगस्त 1971 को, जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर था और उपमहाद्वीप युद्ध की ओर बढ़ रहा था, तब एक और पाकिस्तानी राजनयिक ने अपनी सेवाओं से इस्तीफा दे दिया था।

यह उस समय की कूटनीतिक हलचल और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की बिगड़ती स्थिति का स्पष्ट संकेत था। वहीं तब के पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में चल रहे सैन्य दमन और मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ लगातार आवाज उठ रही थीं। इसी पृष्ठभूमि में कई पाकिस्तानी राजनयिकों ने अपने पदों से इस्तीफा देकर विश्व समुदाय का ध्यान इस संकट की ओर आकर्षित किया। तब लंदन में एक संगठन, जो स्वयं को “बांग्लादेश सरकार के प्रतिनिधि” कहता था, उसके लगभग 70 समर्थकों ने अमेरिका स्थित लाफायेट पार्क में प्रदर्शन किया।

उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति निक्सन से पाकिस्तान के सैन्य शासन को समर्थन बंद करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने पोस्टर और बैनर लेकर प्रदर्शन किया, जिन पर लिखा था, “निक्सन, पाकिस्तानी नरसंहार का समर्थन कर रहे हैं।”

यही नहीं, ब्रिटिश संसद के हाउस ऑफ कॉमन्स में भी तीन युवकों ने “बांग्लादेश के प्रति ब्रिटेन की उदासीनता” के विरोध में नारे लगाए थे। तब वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें बाहर निकाल दिया था। 6 अगस्त 1971 को जिस अधिकारी के इस्तीफे की खबर सामने आई थी, वह अधिकारी लंदन के पाकिस्तानी उच्चायोग के लेखा एवं ऑडिट निदेशक मतीन थे। मतीन तीन बच्चों के पिता थे; वह हमेशा की तरह कार्यालय पहुंचे और चुपचाप अपने व्यक्तिगत दस्तावेज समेटने लगे।

इसके बाद उन्होंने इस्तीफा देकर कहा, “अब मैं कभी वापस नहीं जाऊंगा।” इससे पांच दिन पहले ही यहां पाकिस्तानी उच्चायोग के द्वितीय सचिव मोहिउद्दीन अहमद ने लंदन के ट्राफलगर स्क्वायर में एक बांग्लादेश रैली के दौरान अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी। उन्होंने ब्रिटेन में राजनीतिक शरण मांगी थी और उम्मीद जताई थी कि जल्द ही उनकी मांग स्वीकार कर ली जाएगी। भारतीय सेना की ईस्टर्न कमांड ने बुधवार को अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर “इस दिन उस साल” श्रृंखला के अंतर्गत 6 अगस्त 1971 की एक ऐतिहासिक घटना को याद किया है।

पोस्ट में 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध से पहले की सैन्य तैयारियों का उल्लेख करते हुए लिखा गया। यह पोस्ट 1971 में युद्ध से पहले की रणनीतिक गतिविधियों और सैन्य तैयारियों की ओर संकेत करती है, जब भारत पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में उत्पन्न मानवीय संकट और शरणार्थी संकट के कारण निर्णायक कार्रवाई की दिशा में बढ़ रहा था। ईस्टर्न कमांड उस समय इस पूरे अभियान में प्रमुख भूमिका में थी। भारतीय सेना द्वारा इस प्रकार के ऐतिहासिक तथ्यों को साझा करना न केवल राष्ट्र की सामरिक विरासत को सम्मान देने का कार्य है, बल्कि युवा पीढ़ी को इतिहास से जुड़ने के लिए प्रेरित भी करता है।

इस्तीफा देने वाले इस वरिष्ठ पाकिस्तानी राजनयिक ने अंतरात्मा की आवाज को प्राथमिकता दी और खुले तौर पर पाकिस्तान सरकार की नीतियों की आलोचना की थी। यह घटनाक्रम भारत के लिए कूटनीतिक रूप से महत्वपूर्ण था। एक ओर जहां पाकिस्तान आंतरिक और अंतरराष्ट्रीय दबावों का सामना कर रहा था, वहीं भारत ने शरणार्थी संकट से निपटने के साथ-साथ सैन्य तैयारियां भी तेज कर दी थीं। दुनिया भर की मीडिया और नीति निर्धारकों की नजर अब इस क्षेत्र पर टिकी थी।

दरअसल पाकिस्तानी अधिकारियों के यह इस्तीफे केवल एक व्यक्तिगत निर्णय नहीं थे, बल्कि यह उस व्यापक असंतोष और नैतिक संघर्ष का प्रतीक थे जो उस समय पाकिस्तान के भीतर और बाहर महसूस किया जा रहा था। यह घटनाएं स्पष्ट रूप से युद्ध की पृष्ठभूमि तैयार कर रही थीं—जो आखिरकार दिसंबर 1971 में भारत-पाक युद्ध के रूप में सामने आई। 6 अगस्त 1971 का दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई अहम घटनाओं का गवाह बना। एक ओर पाकिस्तान अपने राजनीतिक और कूटनीतिक समर्थन को बनाए रखने की कोशिश कर रहा था, वहीं दूसरी ओर देश के भीतर और बाहर विरोध की आवाजें तेज हो रही थीं। राजनयिकों के इस्तीफे और अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन इस बात के संकेत थे कि युद्ध अब निकट है और पाकिस्तान के भीतर दरारें साफ दिखाई देने लगी हैं।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   6 Aug 2025 3:26 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story