महिला डॉक्टर की आत्महत्या दुर्भाग्यपूर्ण अनिल देशमुख

महिला डॉक्टर की आत्महत्या दुर्भाग्यपूर्ण  अनिल देशमुख
सतारा जिले के फलटण इलाके में 28 वर्षीय महिला डॉक्टर की आत्महत्या को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि एक पुलिस अधिकारी के अत्याचार से तंग डॉक्टर को यह कदम उठाने पर विवश होना पड़ा।

मुंबई, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)। सतारा जिले के फलटण इलाके में 28 वर्षीय महिला डॉक्टर की आत्महत्या को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि एक पुलिस अधिकारी के अत्याचार से तंग डॉक्टर को यह कदम उठाने पर विवश होना पड़ा।

समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि फलटन इलाके में एक पुलिस अधिकारी ने महिला डॉक्टर पर अत्याचार किया। इस वजह से महिला डॉक्टर को आत्महत्या करनी पड़ी।

उन्होंने कहा कि इस मामले में सीधा सा सवाल है कि आखिर पुलिस की इतनी हिम्मत कैसे हो गई कि वो इस तरह की घटिया हरकत को अंजाम दे। इसके विपरीत पुलिस का काम होना चाहिए कि इस तरह की आपराधिक गतिविधियों पर विराम लगाए। लेकिन, दुर्भाग्य की बात है कि पुलिस खुद इस तरह के मामलों में संलिप्त नजर आ रही है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि यह शर्मनाक है कि महाराष्ट्र की पुलिस इस तरह की कुकृत्यों में संलिप्त नजर आ रही है। इस वजह से उस डॉक्टर को आत्महत्या करने जैसा कदम उठाना पड़ा। यह बहुत ही गंभीर मामला है। महाराष्ट्र सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। इस मामले में राज्य सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि यह चंद्रशेखर बावनकुले पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह चंद्रशेखर बावनकुले की अज्ञानता का ही नतीजा है कि उन्हें इस बात की बिल्कुल भी जानकारी नहीं है कि किसी को भी किसी का भी फोन सर्विलांस पर लगाने की इजाजत नहीं दी गई होती है। कानून की दृष्टि से किसी को भी इसकी इजाजत नहीं है।

उन्होंने कहा कि पुलिस को भी जब किसी का फोन सर्विलांस पर लगाना होता है, तो उन्हें एडिशनल चीफ सेक्रेटरी से इसकी इजाजत लेनी होती है, तभी जाकर वो किसी का फोन सर्विलांस पर लगा पाते हैं। कितना भी बड़ा पुलिस अधिकारी क्यों नहीं हो, जब तक उसे शीर्ष स्तर पर इसकी इजाजत नहीं मिल जाती, तब तक वो किसी के भी फोन को सर्विलांस पर नहीं लगा सकते हैं। खैर, चंद्रशेखर बावनकुले भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं, तो मेरी उनसे उम्मीद रहेगी कि वो किसी भी मुद्दे पर बहुत ही सोच समझकर कोई बयान दें।

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Created On :   24 Oct 2025 6:20 PM IST

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