स्वास्थ्य/चिकित्सा: पीठ के पुराने दर्द से परेशान हैं तो प्रकृति कर सकती है आपकी मदद अध्ययन

नई दिल्ली, 3 जून (आईएएनएस)। अगर आपको लंबे समय से पीठ दर्द की समस्या है, तो एक नए अध्ययन के अनुसार जंगल में सैर करने से इस दर्द को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
'द जर्नल ऑफ पेन' में छपे एक अध्ययन के मुताबिक, प्रकृति के बीच समय बिताने से पुराने पीठ दर्द से परेशान लोगों को कुछ राहत मिल सकती है। इससे उन्हें अपने शारीरिक दर्द को बेहतर तरीके से मैनेज करने में मदद मिलती है।
ब्रिटेन के प्लायमाउथ विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक प्रयोग किया। उन्होंने 10 ऐसे लोगों से बात की, जो लंबे समय से (कुछ तो 40 साल से) पीठ दर्द की समस्या से जूझ रहे थे। शोधकर्ताओं ने उनसे पूछा कि वे अपने दर्द को कम करने के लिए प्रकृति का कैसे इस्तेमाल करते हैं।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग प्रकृति में बाहर निकल पाते थे, उन्हें इससे दूसरों से जुड़ने का मौका मिलता था। वरना, वे ज्यादातर समय घर के अंदर अकेले बिताते थे। इससे उन्हें अपने दर्द में कुछ राहत मिली और रोजमर्रा की जिंदगी से थोड़ा सुकून महसूस हुआ। उन्हें प्रकृति के खुशनुमा माहौल में कसरत करने का मौका मिला, जो उन्हें जिम या ऐसी दूसरी जगहों की तुलना में ज्यादा पसंद आया।
साक्षात्कार देने वालों ने बताया कि ताजी हवा, पानी की आवाज और प्राकृतिक नजारे उन्हें शांति देते हैं। इससे उनके दर्द के कारण होने वाले तनाव और चिंता में राहत मिली।
विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के शोधकर्ता और लेखक अलेक्जेंडर स्मिथ ने बताया, "पीठ के निचले हिस्से का दर्द, कई अन्य शारीरिक समस्याओं की तरह, बहुत परेशान करने वाला, अकेलेपन को बढ़ाने और थकाने वाला हो सकता है। लेकिन, पुराने दर्द के इलाज के लिए नए तरीकों पर ध्यान दिया जा रहा है और प्रकृति को इसके लिए एक संभावित विकल्प माना जा रहा है।"
स्मिथ ने कहा, "हमारे शोध से पता चला कि जो लोग प्रकृति में टहल सके, उन्हें इससे शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से फायदा हुआ।"
अपने शोध के आधार पर, शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया कि पुराने पीठ दर्द से पीड़ित लोग और उनके डॉक्टर प्रकृति की मदद से स्वास्थ्य और बेहतरी को बढ़ावा देने पर ज्यादा ध्यान दें।
स्मिथ ने कहा, "छोटे बदलाव, जैसे बेहतर रास्ते और बैठने की जगहें, साथ ही वर्चुअल रियलिटी जैसी तकनीक, इन फायदों को सबके लिए उपलब्ध करा सकते हैं। हमें उम्मीद है कि हमारे निष्कर्ष इस बात की और अधिक खोज के लिए रास्ता खोलेंगे कि इसे कैसे प्राप्त किया जा सकता है।"
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Created On :   3 Jun 2025 1:18 PM IST