अर्थव्यवस्था: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों की संख्या 2023-24 में 27 प्रतिशत बढ़ी

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों की संख्या 2023-24 में 27 प्रतिशत बढ़ी
कृषि मंत्रालय ने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में फसल बीमा योजना के अंतर्गत अब तक 56.8 करोड़ किसान लाभान्वित हो चुके हैं। योजना से लाभान्वित होने वाले किसानों के आंकड़ों में 27 फीसद का इजाफा दर्ज किया गया है।

नई दिल्ली, 6 मार्च (आईएएनएस)। कृषि मंत्रालय ने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में फसल बीमा योजना के अंतर्गत अब तक 56.8 करोड़ किसान लाभान्वित हो चुके हैं। योजना से लाभान्वित होने वाले किसानों के आंकड़ों में 27 फीसद का इजाफा दर्ज किया गया है।

इस योजना को लागू हुए आठ साल हो चुके हैं। 56.80 करोड़ किसानों के आवेदन मंजूर किए जा चुके हैं जिसमें से 23.22 करोड़ किसानों को उनका हर्जाना मिल चुका है। इस वित्तीय वर्ष के दौरान किसानों द्वारा 31,130 करोड़ की राशि जमा कराई गई, जिसके विरोध में उन्हें 1,55,977 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। इस तरह, किसानों ने अगर 100 रुपए भुगतान किए हैं, तो इसके एवज में उन्हें 500 रुपए का भुगतान प्राप्त हुआ है।

सरकार के प्रयासों के चलते किसानों को मिलने वाली राशि में लगातार इजाफा हो रहा है। किसान स्वेच्छा से योजना की सदस्यता ले रहे हैं।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों को उनके फसलों को नुकसान से बचाने की दिशा में अहम भूमिका निभा रहा है। खासकर तब, जब प्राकृतिक आपदा की जद में आकर किसानों को नुकसान पहुंचता है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) एक मांग आधारित योजना है और राज्यों के साथ-साथ किसानों के लिए भी स्वैच्छिक है। 2021-22 और 2022-23 के दौरान किसान आवेदनों की संख्या में साल-दर-साल क्रमशः 33.4 प्रतिशत और 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके अलावा, वर्ष 2023-24 के दौरान अब तक योजना के तहत नामांकित किसानों की संख्या में 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साथ ही वित्त वर्ष 2023-24 में योजना के तहत बीमित कुल किसानों में से 42 प्रतिशत गैर-ऋणी किसान हैं।

प्रीमियम के लिहाज से यह विश्व की तीसरी बड़ी योजना है। फसल बीमा योजना की शुरुआत साल 2016 में हुई थी, जो कि किसानों को अप्रत्याशित घटनाओं से होने वाली फसल हानि या क्षति से बचाता है।

कृषि और परिवार कल्याण विभाग नियमित रूप से पीएमएफबीवाई के कार्यान्वयन की निगरानी कर रहा है, जिसमें हितधारकों के साप्ताहिक वीडियो कॉन्फ्रेंस बीमा कंपनियों/राज्यों के साथ बैठक आदि के माध्यम से दावों का समय पर निपटान शामिल है।

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Created On :   6 March 2024 2:38 PM IST

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