ओडिशा सरकार ने एमएसएमई और स्टार्टअप्स के लिए भूमि उपयोग परिवर्तन में बड़ी छूट दी

ओडिशा सरकार ने एमएसएमई और स्टार्टअप्स के लिए भूमि उपयोग परिवर्तन में बड़ी छूट दी
ओडिशा सरकार ने राज्य में औद्योगिक विकास और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा 25 अक्टूबर 2025 को जारी अधिसूचना के अनुसार, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) तथा स्टार्टअप्स के लिए भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) की अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता से छूट प्रदान की गई है।

भुवनेश्वर, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। ओडिशा सरकार ने राज्य में औद्योगिक विकास और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा 25 अक्टूबर 2025 को जारी अधिसूचना के अनुसार, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) तथा स्टार्टअप्स के लिए भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) की अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता से छूट प्रदान की गई है।

यह छूट ओडिशा भूमि सुधार अधिनियम, 1960 की धारा 73 (सी) के तहत दी गई है और ओडिशा राजपत्र (असाधारण) में प्रकाशित एस.आर.ओ. संख्या 1373/2025 के माध्यम से प्रभावी हो गई है।

अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि यह छूट दो मुख्य श्रेणियों की भूमि पर लागू होगी। पहली श्रेणी में भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत एमएसएमई शामिल हैं। इनकी भूमि या उनके पास मौजूद भूमि, जिनकी परियोजनाओं को जिला स्तरीय एकल खिड़की मंजूरी प्राधिकरण (डीएलएसडब्ल्यूसीए) द्वारा अनुमोदन मिला हो, छूट के दायरे में आएगी। दूसरी श्रेणी में एमएसएमई विभाग, ओडिशा सरकार की 'स्टार्टअप ओडिशा' पहल के तहत पंजीकृत स्टार्ट-अप संस्थाएं हैं। इनकी व्यावसायिक इकाइयों की स्थापना और संचालन के लिए स्वामित्व वाली या उपलब्ध भूमि पर यह सुविधा मिलेगी।

सरकार ने इस छूट को कुछ सख्त नियमों और शर्तों से जोड़ा है ताकि दुरुपयोग न हो। छूट केवल उन भूमियों पर लागू होगी जो वास्तविक औद्योगिक, स्टार्टअप या उद्यमशीलता गतिविधियों के लिए उपयोग की जा रही हों। यह अधिसूचित वनों, संरक्षित क्षेत्रों, तटीय नियामक क्षेत्रों (सीआरजेड), रक्षा भूमि, पुरातत्व संरक्षित स्थलों या किसी अन्य कानूनी निषेध वाली भूमि पर लागू नहीं होगी। यदि भूमि का उपयोग अनुमोदित उद्देश्य से हटकर किसी अन्य कार्य के लिए किया जाता है, तो छूट स्वतः रद्द हो जाएगी और ओएलआर अधिनियम के सभी प्रावधान लागू होंगे।

यह कदम राज्य में निवेश को आकर्षित करने और नौकरशाही बाधाओं को कम करने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल माना जा रहा है। इससे एमएसएमई सेक्टर में तेजी आएगी, जो ओडिशा की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। राज्य में हजारों एमएसएमई इकाइयां हैं, जो रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। स्टार्ट-अप ओडिशा पहल के तहत पहले से ही कई युवा उद्यमी लाभान्वित हो रहे हैं, और अब भूमि उपयोग की यह छूट उन्हें तेजी से व्यवसाय शुरू करने में मदद करेगी।

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Created On :   31 Oct 2025 5:06 PM IST

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