व्यापार: मार्च में सेवा क्षेत्र में वृद्धि से बढ़ा रोजगार पीएमआई सर्वेक्षण

मार्च में सेवा क्षेत्र में वृद्धि से बढ़ा रोजगार  पीएमआई सर्वेक्षण
मजबूत मांग के कारण रोजगार में सात महीने की सबसे तेज वृद्धि तथा निर्यात के रिकॉर्ड गति से बढ़ने की वजह से मार्च में देश के सेवा क्षेत्र में बढ़ोतरी दर्ज की गई। एचएसबीसी द्वारा गुरुवार को जारी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

नई दिल्ली, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। मजबूत मांग के कारण रोजगार में सात महीने की सबसे तेज वृद्धि तथा निर्यात के रिकॉर्ड गति से बढ़ने की वजह से मार्च में देश के सेवा क्षेत्र में बढ़ोतरी दर्ज की गई। एचएसबीसी द्वारा गुरुवार को जारी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

एसएंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) फरवरी के 60.6 से बढ़कर पिछले महीने 61.2 पर पहुंच गया। सूचकांक 50 अंक से काफी ऊपर है जो मजबूत वृद्धि को दर्शाता है। इसका 50 से नीचे रहना गिरावट को दिखाता है।

एचएसबीसी के अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा, "भारत की सेवाओं का पीएमआई फरवरी में मामूली सुस्ती के बाद मार्च में बढ़ा है। मजबूत मांग के कारण बिक्री और व्यावसायिक गतिविधियों में तेजी आई। सेवा प्रदाताओं ने उत्पादन क्षमता का विस्तार करने के लिए अगस्त 2023 के बाद से सबसे तेज गति से नियुक्तियां बढ़ाईं। उत्पादन लागत में तेजी से वृद्धि हुई। फिर भी सेवा प्रदाता उच्च आउटपुट कीमतें वसूल कर मोटे तौर पर लाभ बनाए रखने में सक्षम थे।"

एसएंडपी ग्लोबल के अनुसार, कंपनियों ने मार्च के दौरान नए ऑर्डर में पर्याप्त सुधार का संकेत दिया है। इसकी वृद्धि दर जून 2010 के बाद से सबसे बेहतर थी।

मार्च के आंकड़ों से पता चलता है कि सितंबर 2014 में श्रृंखला शुरू होने के बाद से निर्यात कारोबार सबसे तेज दर से बढ़ने के साथ घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्रोतों से भारतीय सेवाओं की बेहतर मांग है। सर्वेक्षण प्रतिभागियों ने अफ्रीका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, अमेरिका और मध्य पूर्व से लाभ की सूचना दी।

कुछ दिन पहले जारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च में विनिर्माण उद्योग 16 साल में सबसे तेज गति से बढ़ा है। विनिर्माण और सेवा क्षेत्र को मिलाकर एचएसबीसी का अंतिम समेकित पीएमआई सूचकांक पिछले महीने के 60.6 से आठ महीने के उच्चतम 61.8 पर पहुंच गया।

मजबूत मांग के साथ बढ़ती उत्पादन लागत के कारण कंपनियों ने वृद्धि को ग्राहकों पर डाला, जिसके परिणामस्वरूप कीमतें जुलाई 2017 के बाद से सबसे मजबूत दर पर पहुंच गईं।

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Created On :   4 April 2024 3:01 PM IST

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