स्वास्थ्य/चिकित्सा: स्तनपान सप्ताह ब्रेस्टमिल्क कलर को लेकर अहम बात जिसे हर नई मां को रखना चाहिए खास ख्याल

स्तनपान सप्ताह  ब्रेस्टमिल्क कलर को लेकर अहम बात जिसे हर नई मां को रखना चाहिए खास ख्याल
ब्रेस्टमिल्क के रंग से जुड़ी कई भ्रांतियां हैं, कई मिथक है। अफवाहों के चक्कर में कई बार मांए तनावग्रस्त हो जाती हैं। चिकित्सकों के मुताबिक ब्रेस्टमिल्क को लेकर परेशान नही होना चाहिए बल्कि इसके बारे में सटीक जानकारी ही मांओं का तनाव कम कर सकती है। तो आज बात ब्रेस्टमिल्क कलर की।

नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। ब्रेस्टमिल्क के रंग से जुड़ी कई भ्रांतियां हैं, कई मिथक है। अफवाहों के चक्कर में कई बार मांए तनावग्रस्त हो जाती हैं। चिकित्सकों के मुताबिक ब्रेस्टमिल्क को लेकर परेशान नही होना चाहिए बल्कि इसके बारे में सटीक जानकारी ही मांओं का तनाव कम कर सकती है। तो आज बात ब्रेस्टमिल्क कलर की।

आमतौर पर ब्रेस्‍ट मिल्‍क का रंग पीला, सफेद, क्रीम, टैन जैसा होता है। डिलीवरी के बाद ब्रेस्‍ट मिल्‍क का रंग बदलता है। ऐसे में कई बार माताएं इसके रंग को लेकर परेशान हो जाती है। दूध के रंग के बारे में सभी माताओं को जानकारी होना बेहद जरूरी है।

बच्‍चे के जन्‍म के बाद जो सबसे पहला दूध आता है वो कोलोस्‍ट्रम होता है। शुरुआत में यह बहुत कम आता है। लेकिन यह पौष्टिक दूध बच्‍चे के लिए बेहद ही लाभदायक होता है। कोलोस्‍ट्रम में बीटा-कैरोटीन की उच्‍च मात्रा होती है। इसी कारण यह गाढ़ा हल्‍के पीले रंग का होता है। यह जन्‍म के लगभग 4 से 5 दिनों तक आता है।

इसके बाद के दिनों में माताओं को जो दूध आता है उसे ट्रांजिशन मिल्‍क कहा जाता है। यह पहले के मुकाबले काफी पतला होता है।

जन्‍म के लगभग दो हफ्ते के बाद मैच्‍योर मिल्‍क आने लगता है। बता दें कि इस दूध का रंग इस बात पर निर्भर करता है कि उसमें कितनी मात्रा में फैट की मौजूदगी है।

इसके बाद जब दूध में फैट की मात्रा कम हो जाती है जो पतला दूध आने लगता है , जिसे मेडिकल भाषा में फोरमिल्‍क कहा जाता है।

आईएएनएस ने दूध के रंग के बारे में ज्‍यादा जानने के लिए मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में प्रसूति एवं स्त्री रोग में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अर्पणा हरितवाल से बात की।

उन्होंने बताया कि जन्‍म के बाद जो सबसे पहला दूध आता है वह डार्क येलो कलर का होता है। उसे हम कोलोस्‍ट्रम कहते हैं। इसी दूध के अंदर प्रचूर मात्रा में एंटीबॉडी होती है। यह बच्‍चे की इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है।

डॉ. अर्पणा ने बताया कि इसके बाद जो दूध आता है, वह थोड़ा हल्‍के रंग का होता है। उस दूध में पानी की मात्रा ज्‍यादा होती है। यह मिल्‍की वाइट कलर का होता है जो बच्‍चे को हाइड्रेट रखने में मदद करता है।

डॉक्‍टर ने बताया कि यह दोनों ही तरह के दूध बच्‍चे की सेहत के लिए बेहद ही फायदेमंद होते हैं।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   6 Aug 2024 8:24 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story