स्वास्थ्य/चिकित्सा: क्या बढ़ती गर्मी से मधुमेह रोगियों का स्वास्थ्य खराब हो सकता है?

क्या बढ़ती गर्मी से मधुमेह रोगियों का स्वास्थ्य खराब हो सकता है?
एक शोध में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ती गर्मी मधुमेह रोगियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। बता दें कि दुनिया भर में लगभग 537 मिलियन वयस्क मधुमेह से पीड़ित हैं।

नई दिल्ली, 7 अगस्त (आईएएनएस)। एक शोध में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ती गर्मी मधुमेह रोगियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। बता दें कि दुनिया भर में लगभग 537 मिलियन वयस्क मधुमेह से पीड़ित हैं।

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन और लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के एंडोक्रिनोलॉजिस्ट और शोधकर्ताओं की एक टीम ने तर्क दिया कि जलवायु परिवर्तन की वजह से मौसमी तापमान में वृद्धि हो रही है। जो गर्मी बढ़ा रहा है। इसके प्रभावों को मधुमेह रोगियों पर समझना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।

उन्होंने कहा कि हार्मोन लगभग सभी बायोलॉजिकल फंक्शन में भूमिका निभाता है, शरीर में पानी के संरक्षण, पसीना आना और कोशिका चयापचय से गर्मी उत्पन्न होने जैसी प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं, फिर भी हार्मोन के स्राव और क्रिया पर पर्यावरणीय कारकों के प्रभाव को अच्छी तरह से नहीं पहचाना गया है।

ऑक्सफोर्ड, यूके में नफ़ील्ड डिपार्टमेंट ऑफ़ विमेन एंड रिप्रोडक्टिव हेल्थ के प्रमुख लेखक प्रोफेसर फादिल हन्नान ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ी हुई गर्मी के संपर्क से एंडोक्राइन स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ सकता है, इसके बारे में अभी बेहद ही कम जानकारी है।

हन्नान ने बताया कि यह शोध गर्म जलवायु में रहने वाले रोगियों के लिए महत्वपूर्ण है, जिनकी पहुंच ठंडे वातावरण तक नहीं होती। साथ ही यह शोध गर्मी की चरम स्थितियों से सबसे अधिक जोखिम वाले अंतःस्रावी रोगियों के लिए प्रारंभिक हस्तक्षेप विकसित करने में मदद कर सकता है।

टीम ने 1940 के दशक के बाद से प्रकाशित अध्ययनों की समीक्षा की, जो यह संकेत देते हैं कि गर्मी के संपर्क में आने से तनाव प्रतिक्रिया, रक्त शर्करा नियंत्रण, प्रजनन क्षमता और स्तन दूध उत्पादन जैसी प्रक्रियाओं में शामिल हार्मोन प्रभावित होते हैं।"

समीक्षा में अंतःस्रावी तंत्र पर लगातार गर्मी के प्रभाव के संबंध में साक्ष्य में अंतर को उजागर किया गया है, जो विशेष रूप से मधुमेह या थायरॉयड विकारों जैसी अंतःस्रावी स्थितियों से पीड़ित लोगों की बढ़ती संख्या के लिए प्रासंगिक है क्योंकि इन लोगों में उच्च तापमान के प्रति सहनशीलता सीमित हो सकती है।

शोधकर्ताओं ने पाया कि कुछ हार्मोनल विकार शरीर की तापमान को नियंत्रित करने की क्षमता को बाधित कर सकते हैं, जिससे शरीर को ठंडा करना मुश्किल हो जाता है और इन रोगियों के लिए गर्मी से संबंधित बीमारियों और अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम बढ़ जाता है। इससे स्वास्थ्य प्रणाली पर गर्मी का बोझ भी बढ़ जाता है

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Created On :   7 Aug 2024 8:07 PM IST

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