लोकसभा चुनाव 2024: लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन न करने वाले डीएमके के जिला सचिव होंगे पदमुक्त
चेन्नई, 18 मई (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन करने वाले डीएमके के जिला सचिव पद से हटाए जाएंगे। यह फैसला पार्टी मुख्यालय 'अन्ना अरिवलयम' में आयोजित एक बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया।
पार्टी ने हाल ही में तमिलनाडु के सभी 39 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों का अध्ययन किया। इस दौरान कुछ सीटों पर कमजोरी नजर आई। पार्टी को 2019 के लोकसभा चुनाव की पुनरावृत्ति होने की उम्मीद कम है। उस दौरान पार्टी और उसके सहयोगियों ने 39 में से 38 सीटें जीती थीं।
पार्टी को धर्मपुरी सीट पर खराब प्रदर्शन की आशंका है। यहां से पीएमके नेता सौम्य अंबुमणि ने एनडीए उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा है।
इसी तरह थेनी में, अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम (एएमएमके) के टीटीवी दिनाकरन ने एनडीए उम्मीदवार के रूप अच्छा प्रदर्शन किया है।
अध्ययन में यह भी पता चला कि कुछ सीटों पर तमिलनाडु की प्रमुख विपक्षी पार्टी अन्नाद्रमुक ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है।
गौरतलब है कि डीएमके अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए दो साल पहले जमीनी स्तर पर आउटरीच कार्य शुरू किया था।
पार्टी ने चुनाव में समन्वय के लिए प्रत्येक जिले में पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की थी।
बैठक में शामिल पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस को बताया,“ हम दो वर्षों से लोकसभा चुनावों के लिए काम कर रहे थे। पार्टी और इंडिया ब्लॉक ने कई सीटों पर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन कुछ सीटें हम हार भी सकते हैं। इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी और पार्टी ने उन जिला सचिवों को हटाने का फैसला किया है, जहां इंडिया ब्लॉक का प्रदर्शन खराब रहेेेगा।''
उन्होंने कहा कि पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वाले पार्टी जिला सचिवों को पद से हटाने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया।
मुख्यमंत्री ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि राज्य में डीएमके के नेतृत्व वाला इंडिया ब्लॉक सभी 39 सीटें जीतेगा, और अगर मोर्चा कोई भी सीट हारता है तो यह स्टालिन के लिए एक झटका होगा।
चेन्नई स्थित राजनीतिक विश्लेषक जोसेफ थॉमस ने आईएएनएस को बताया, “लोकसभा चुनाव से पहले, डीएमके नेतृत्व को जीत का भरोसा था, लेकिन चुनाव के बाद पार्टी को जो फीडबैक मिला, वह उतना अच्छा नहीं है। डीएमके न तो राज्य की सभी सीटें जीत पाएगी और न ही 2019 के लोकसभा चुनावों के अपने प्रदर्शन को दोहरा पाएगी।
"पार्टी को कुछ सीटों पर खराब प्रदर्शन के लिए किसी के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी और स्वाभाविक रूप से, बलि का बकरा पार्टी के जिला सचिव होंगे जो अपने संबंधित जिलों में प्रत्येक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के प्रभारी थे।"
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Created On :   18 May 2024 4:29 PM IST