आसमान में गायब हो गया 'डीबी कूपर,' दशकों बाद भी गुत्थी नहीं सुलझी
नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी इतिहास का सबसे रोमांचक और रहस्यमयी शख्स है डीबी कूपर! 24 नवंबर 1971 की शाम इस शख्स ने कुछ ऐसा किया जिसका राज आज तक फाश नहीं हो पाया। इस शातिर ने विमान को हाईजैक किया, फिर 2 लाख डॉलर लेकर पैराशूट से कूद गया और इसके बाद उसे किसी ने नहीं देखा। ये आज भी दुनिया में डीबी कूपर नाम से जाना जाता है। ऐसा नाम जो अमेरिकी जांच एजेंसियों और रहस्य प्रेमियों के लिए एक पहेली है।
पोर्टलैंड से सिएटल जाने वाली फ्लाइट नंबर नॉर्थवेस्ट ओरियंट एयरलाइंस फ्लाइट 305 में एक साधारण-सा यात्री सवार हुआ। उसने काले सूट, सफेद शर्ट और काले चश्मे पहने थे। उसके हाथ में एक छोटा-सा बैग था। टिकट पर नाम लिखा हुआ था डैन कूपर। बाद में गलत रिपोर्टिंग के चलते वह डीबी कूपर के नाम से मशहूर हो गया।
कूपर की योजना बहुत शांत और सोच-समझकर बनाई गई थी। उसने विमान में बैठकर एयर होस्टेस को एक नोट दिया, "मेरे पास बम है।" जब एयर होस्टेस घबराकर उसके पास बैठी, तो उसने बैग थोड़ा खोलकर लाल तारों और बैटरी जैसा कुछ दिखाया। इसके बाद उसने 2 लाख डॉलरनकद और, 4 पैराशूट की मांग रखी। साथ ही कहा कि जब विमान सिएटल में उतरे, तो यात्रियों को छोड़ दिया जाए।
यह उस समय बहुत बड़ी रकम थी। एयरलाइंस और पुलिस ने उसके कहे अनुसार सब किया, मगर कूपर ने विमान नहीं छोड़ा। वह बोला, “विमान फिर उड़ाओ, मेक्सिको की तरफ।” उसने पायलटों को आदेश दिया कि उड़ान कम ऊंचाई और धीमी गति से रखी जाए। इसके बाद वह पीछे की सीढ़ियों की ओर गया, पैराशूट पहना और काले अंधेरे, बादलों और तूफानी मौसम में रात के करीब 8 बजे नीचे कूद गया।
जहां से वह कूदा, वह अमेरिका के उत्तर-पश्चिम का घना और पहाड़ी इलाकाथा,। वॉशिंगटन और ओरेगन की सीमा के आसपास। रातथी, और, मौसम भी खराब था। एफबीआई ने तुरंत खोज शुरू की, लेकिन डीबी कूपर का कोई सुराग नहीं मिला। न पैराशूट मिला, न शरीर और न पैसों का अता पता चला।
कई वर्षों तक एफबीआई और पुलिस यह समझती रही कि शायद कूपर तूफानी मौसम में मर गया होगा। लेकिन फिर 1980 में कुछ ऐसा हुआ जिसने रहस्य को और गहरा कर दिया। एक नदी किनारे खेल रहे एक बच्चे को कूपर वाले डॉलर नोटों के कुछ बंडल मिले। इससे यह तो तय हो गया कि वह पैसे जमीन तक पहुंचे, पर क्या वह भी जिंदा रहा? यह सवाल आज भी जस का तस है।
एफबीआई ने 2016 तक इस केस की जांच जारी रखी। सैकड़ों संदिग्धों से पूछताछ हुई, लेकिन किसी पर भी शक साबित नहीं हुआ।
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Created On :   23 Nov 2025 6:51 PM IST












