बांग्लादेश में यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने कोई प्रगति नहीं दिखाई, हजारों लोग विदेश भाग गए रिपोर्ट

बांग्लादेश में यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने कोई प्रगति नहीं दिखाई, हजारों लोग विदेश भाग गए रिपोर्ट
बांग्लादेश की मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार द्वारा खुद को एक प्रगतिशील विकल्प के रूप में पेश करने, सुधार, सम्मान और अंतर्राष्ट्रीय मान्यता का वादा करने के बाद एक वर्ष से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई प्रगति नहीं हुई है, जैसा कि मंगलवार को एक रिपोर्ट में बताया गया है।

ढाका, 30 सितंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश की मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार द्वारा खुद को एक प्रगतिशील विकल्प के रूप में पेश करने, सुधार, सम्मान और अंतर्राष्ट्रीय मान्यता का वादा करने के बाद एक वर्ष से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई प्रगति नहीं हुई है, जैसा कि मंगलवार को एक रिपोर्ट में बताया गया है।

इसमें आगे कहा गया है कि न तो सुधार लागू किए गए हैं और न ही कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है, बल्कि एक खामोश राष्ट्रीय संकट उभर आया है, जिससे हजारों लोग देश छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं।

'द डिप्लोमैट' की एक रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है कि भारत से लेकर इंडोनेशिया, वियतनाम से लेकर थाईलैंड तक यहां तक कि ताजिकिस्तान, जो कभी एक घंटे के भीतर ई-वीजा देता था- सरकारें अब बांग्लादेशियों के लिए विदेशी देशों में प्रवेश करना मुश्किल बना रही हैं। वीजा देने से इनकार, देरी और प्रतिबंध आम बात हो गई है। सरकार मानव तस्करी और पिछली सरकार की नाकामियों को जिम्मेदार ठहराती है। हालांकि, राजनयिकों का तर्क है कि असली कारण कूटनीतिक निष्क्रियता, राजनीतिक अस्थिरता और सरकार की वैधता का अभाव है।

इसमें आगे कहा गया है, "इस संघर्ष में बांग्लादेशी पासपोर्ट एक भयानक संकट में फंस गए हैं, जिससे लाखों लोग पीड़ित हैं। बांग्लादेशी पासपोर्ट अब अवसर का प्रतीक नहीं रहा, बल्कि कुचली हुई आकांक्षाओं की याद दिलाता है।"

रिपोर्ट के अनुसार, यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की पहली बड़ी विफलता कूटनीति में आई।

अगस्त 2024 में राजनीतिक परिवर्तन के बाद भारत ने बांग्लादेशियों को पर्यटक वीजा जारी करना बंद कर दिया और एक साल बाद भी यह प्रतिबंध लागू है। रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक भारत आने वाले लगभग 1 करोड़ विदेशी पर्यटकों में 21 लाख से ज़्यादा बांग्लादेशी थे।

द डिप्लोमैट की रिपोर्ट में जोर दिया गया है, "इंडोनेशिया ने मानव तस्करी के बहाने बांग्लादेशियों के लिए आगमन पर वीजा देना भी बंद कर दिया है। जून में इंडोनेशिया के उप विदेश मंत्री की ढाका यात्रा से भी इस मुद्दे पर कोई प्रगति नहीं हुई। थाईलैंड, जो पहले बांग्लादेशियों को एक हफ्ते के भीतर ई-वीजा जारी करता था, अब बांग्लादेशी नागरिकों के वीजा की प्रक्रिया में 40-50 दिन लगा रहा है।"

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि यूएई ने बांग्लादेशियों को जारी किए जाने वाले वीजा की संख्या कम कर दी है। औसतन, प्रतिदिन केवल 30 से 50 बांग्लादेशियों को ही यूएई वीजा मिल रहा है। वियतनाम ने बांग्लादेशियों को पर्यटक वीजा जारी करना बंद कर दिया है। इटली में 60,000 से ज़्यादा बांग्लादेशी वीजा आवेदन लंबित हैं।

रिपोर्ट में जोर देकर कहा गया है कि ऐसी घटनाएं बांग्लादेशी पासपोर्ट के प्रति घटते वैश्विक सम्मान को रेखांकित करती हैं।

इसमें कहा गया है कि 2025 में यूनुस एक ऐसे देश का नेतृत्व कर रहे हैं जिसकी अंतरराष्ट्रीय गरिमा हर अस्वीकृत वीजा के साथ कम होती जाती है।

रिपोर्ट में कहा गया है, "राष्ट्र प्रमुख होने के नाते, लोकतांत्रिक प्रथाओं को बहाल करना और राजनीतिक स्थिरता स्थापित करना उनका कर्तव्य है, ताकि बांग्लादेश गर्व से आगे बढ़ सके, उसके नागरिकों को विदेशी आव्रजन चौकियों पर अपमान का सामना न करना पड़े और पासपोर्ट की विश्वसनीयता में गिरावट न आए।"

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Created On :   30 Sept 2025 11:53 PM IST

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