सरकार ने देश के मैन्युफैक्चरिंग स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ाने के लिए 50 से ज्यादा कंपनियों के साथ एमओयू साइन किए

सरकार ने देश के मैन्युफैक्चरिंग स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ाने के लिए 50 से ज्यादा कंपनियों के साथ एमओयू साइन किए
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने स्टार्टअप्स के लिए भारत के मैन्युफैक्चरिंग और इनोवेशन इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए 50 से अधिक कंपनियों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।

नई दिल्ली, 9 नवंबर (आईएएनएस)। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने स्टार्टअप्स के लिए भारत के मैन्युफैक्चरिंग और इनोवेशन इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए 50 से अधिक कंपनियों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।

इस पहल का उद्देश्य इनोवेशन को बढ़ावा देना, नए उत्पाद विकसित करने और सतत औद्योगिक विकास के लिए बड़ी कंपनियों और उभरते मैन्युफैक्चरिंग स्टार्टअप्स के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना है।

सरकारी अधिकारी के अनुसार, डीपीआईआईटी मैन्युफैक्चरिंग-केंद्रित इनक्यूबेटरों के निर्माण के महत्व और शुरुआती चरण के उद्यमों के साथ मिलकर काम करने के लाभों पर प्रकाश डालने के लिए कॉर्पोरेट्स, उद्योग संघों, यूनिकॉर्न और क्षेत्र के दिग्गजों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रहा है।

अधिकारी ने कहा, "यह स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने और उद्योग को इनक्यूबेटरों और साझेदारियों के माध्यम से मैन्युफैक्चरिंग में इनोवेशन का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित करने के एक बड़े प्रयास का हिस्सा है।"

इन सहयोगों से मैन्युफैक्चरिंग स्टार्टअप्स को जरूरी सहायता मिलने की उम्मीद है, जिन्हें अकसर इन्फ्रास्ट्रक्चर, पूंजी और विस्तार के अवसरों तक पहुंच बनाने में कठिनाई होती है।

इन्क्यूबेटर स्टार्टअप्स और स्थापित उद्योगों के बीच एक इंटरफेस के रूप में भी काम करते हैं, जिससे बाजार के अवसरों, जोखिम पूंजी और उन्नत तकनीकों तक पहुंच संभव होती है। इन्हें निगमों, शैक्षणिक संस्थानों या अनुसंधान संगठनों द्वारा स्थापित किया जा सकता है।

डीपीआईआईटी की इस पहल को एक मजबूत और सहयोगात्मक मैन्युफैक्चरिंग स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो भारत के इनोवेशन और औद्योगिक विकास का वैश्विक केंद्र बनने के व्यापक लक्ष्य का समर्थन करता है।

डीपीआईआईटी ने पिछले महीने भारत के जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में इनोवेशन को गति देने और उच्च-विकासशील स्टार्टअप्स की एक मजबूत पाइपलाइन को पोषित करने के लिए थर्मो फिशर साइंटिफिक (टीएफएस) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी का उद्देश्य अगले तीन वर्षों में रणनीतिक सलाह, प्रौद्योगिकी पहुच, मार्गदर्शन और निवेशक संपर्क के माध्यम से 500 से अधिक जैव प्रौद्योगिकी स्टार्टअप्स को समर्थन प्रदान करना है।

समझौता ज्ञापन के एक भाग के रूप में, स्टार्टअप इंडिया के अंतर्गत टीएफएस, डीपीआईआईटी की पहल भारत स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज (बीएसजीसी) बायोवर्स चैलेंज का शुभारंभ करेगा, जो भारत के सबसे होनहार जैव प्रौद्योगिकी उद्यमियों की पहचान करने और उन्हें विकसित करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी मंच है, और बायोवर्स मेंटर्स सर्किल प्रमुख जैव-इनक्यूबेटरों में कौशल विकास और तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करेगा।

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Created On :   9 Nov 2025 7:54 PM IST

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