दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर भारत में हैं दीया मिर्जा

दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर भारत में हैं  दीया मिर्जा
अभिनेत्री दीया मिर्जा और निर्देशक जोया अख्तर ने हाल ही में आयोजित 'ऑल लिविंग थिंग्स एनवायरनमेंटल फिल्म फेस्टिवल' में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, वन्यजीव, जलवायु परिवर्तन और सामाजिक न्याय जैसे गंभीर मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी।

मुंबई, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। अभिनेत्री दीया मिर्जा और निर्देशक जोया अख्तर ने हाल ही में आयोजित 'ऑल लिविंग थिंग्स एनवायरनमेंटल फिल्म फेस्टिवल' में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, वन्यजीव, जलवायु परिवर्तन और सामाजिक न्याय जैसे गंभीर मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी।

अभिनेत्री दीया मिर्जा ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा, "यह एक बेहतरीन फिल्म फेस्टिवल है, जिसमें आपको न केवल वन्यजीव डॉक्यूमेंट्री, बल्कि आम लोगों की जिंदगी से जुड़ी कई कहानियां भी दिखाई जाती हैं। यहां पर पृथ्वी और पर्यावरण से जुड़े जटिल मुद्दों और सामाजिक न्याय के सवालों पर बेहतरीन फिल्में आती हैं। भारत और दुनिया भर की फिल्में अलग-अलग फॉर्मेट में यहां दिखाई जाती हैं।"

अभिनेत्री ने बताया कि पिछले साल वह इस फेस्टिवल में जूरी का हिस्सा भी रही थीं। उन्होंने कहा, "जूरी का काम बहुत मुश्किल होता है। इस दौरान हमने छह महीने में कई फिल्में देखीं थीं, जिसमें मुझे काफी कुछ सीखने को मिला था। इसमें मैंने जाना कि लोगों तक पर्यावरण का संदेश पहुंचाने का सबसे ताकतवर माध्यम कहानियां हैं।"

दीया ने आगे यह भी बताया कि उनके प्रोडक्शन हाउस की एक मराठी फिल्म भी फेस्टिवल में दिखाई गई। उन्होंने कहा, "मेरे प्रोडक्शन हाउस की मराठी फिल्म भी यहां पर लगी है। मैंने तो 26 साल की उम्र से ही फिल्में प्रोड्यूस करना शुरू कर दिया था। मैंने ज्यादा फिल्में नहीं बनाई, लेकिन जितनी भी बनाई हैं, वे अच्छी थीं। मुझे लगता है कि हम जो कहानियां बनाएं, वो लोगों की जिंदगी में बदलाव लेकर आएं।"

अभिनेत्री ने कहा, "मैं वायु प्रदूषण को काफी समय से ट्रैक कर रही हूं। पहले जब हम इस मुद्दे को उठाते थे, तो कोई बात नहीं करता था। दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर भारत में ही हैं। हम तो सिर्फ दिल्ली और मुंबई की बात कर रहे हैं। ऐसे कई शहर भी हैं, जो बहुत ज्यादा प्रदूषित हैं।"

निर्देशक जोया अख्तर ने कहा, "यह फेस्टिवल बहुत जरूरी है। फिल्म सबसे ताकतवर माध्यम है। अगर हम इससे संदेश फैला सकते हैं, तो अपने ग्रह और आने वाली पीढ़ियों के लिए अच्छा काम कर सकते हैं।"

जोया ने बताया कि उनकी भी एक फिल्म लगी है। इस फिल्म में एक ऐसे शख्स की कहानी दिखाई गई है, जिसने पूरे भारतीय तट पर पैदल चलकर समुद्री कछुओं और वन्यजीवों की स्थिति का दस्तावेजीकरण किया था।

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Created On :   4 Dec 2025 11:24 PM IST

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