एफडीआई इनफ्लो चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 16 प्रतिशत बढ़कर 50.36 अरब डॉलर हुआ केंद्र
नई दिल्ली, 2 दिसंबर (आईएएनएस)। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 26) की पहली छमाही में सालाना आधार पर 16 प्रतिशत बढ़कर 50.36 अरब डॉलर हो गया है। यह किसी भी वित्त वर्ष की पहली छमाही में अब तक आया सर्वाधिक उच्चतम विदेशी निवेश है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 43.37 अरब डॉलर था। यह जानकारी सरकार की ओर से संसद में दी गई।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जतिन प्रसाद ने लोकसभा में कहा कि ग्रॉस एफडीआई इनफ्लो वित्त वर्ष 2024-25 में बढ़कर 80 अरब डॉलर से अधिक हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 2012-13 में 34 अरब डॉलर से अधिक था।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (अप्रैल-सितंबर 2025) में एफडीआई में मजबूत उछाल दर्ज किया, जिसमें कुल इनफ्लो सालाना आधार पर 18 प्रतिशत बढ़कर 35.18 अरब डॉलर हो गया।
प्रसाद ने कहा, "नेट एफडीआई इनफ्लो का हालिया रुझान बढ़ते विनिवेश और बढ़ते ओवरसीज डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (ओडीआई) आउटफ्लो से जुड़ा है। 2022 में अधिसूचित उदार ओडीआई नियमों के कारण ओडीआई आउटफ्लो भारतीय संस्थाओं को विदेशों में अपने व्यापार का विस्तार करने में मदद कर रहा है, जिससे वे वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हो रहे हैं, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।"
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, प्रत्यावर्तन का बढ़ता ट्रेंड यह दर्शाता है कि भारत न केवल विदेशी पूंजी को आकर्षित कर रहा है, बल्कि मजबूत रिटर्न भी दे रहा है, जिससे एक विश्वसनीय निवेश गंतव्य के रूप में देश की प्रतिष्ठा बढ़ रही है।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि देश ने अपने निर्यात में विविधता लाने के लिए 15 देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) पर और 6 देशों के साथ प्रेफरेंशियल ट्रेड एग्रीमेंट (पीटीए) किए हैं।
उन्होंने आगे बताया कि सरकार सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रही है जिससे हमारे निर्यातक जापान, कोरिया, संयुक्त अरब अमीरात जैसे प्रमुख बाजारों के साथ भारत के एफटीए के लाभों का बेहतर उपयोग कर सकें और हाल ही में ईएफटीए देशों और यूके के साथ हुए व्यापारिक समझौतों से पैदा हुए अवसरों का प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकें।"
सरकार यूरोपीय संघ, पेरू, चिली, न्यूजीलैंड, ओमान आदि के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी एफटीए को जल्द पूरा करने के लिए बातचीत कर रही है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार अमेरिकी टैरिफ उपायों के बढ़ते प्रभाव का आकलन करने के लिए निर्यातकों, निर्यात संवर्धन परिषदों (ईपीसी), उद्योग संघों और राज्य सरकारों सहित सभी पक्षकारों के साथ बातचीत कर रही है।
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Created On :   2 Dec 2025 2:52 PM IST












