बांग्लादेश में महंगाई दर 8 प्रतिशत के पार, निवेश में गिरावट आने से नहीं पैदा हो रहे नए रोजगार
नई दिल्ली, 27 नवंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था के हालात खस्ताहाल होते जा रहे हैं। एक तरफ नया निवेश न आने से नए रोजगार के अवसर पैदा नहीं हो रहे हैं। साथ ही महंगाई भी 8 प्रतिशत के ऊपर पहुंच गई है, जो कि दक्षिण एशिया में सबसे अधिक है। यह जानकारी पड़ोसी देश के न्यूज आउटलेट प्रोथोम अलो की ओर से दी गई।
बांग्लादेश के सांख्यिकी ब्यूरो के मुताबिक, देश में महंगाई बढ़कर अक्टूबर में 8.17 प्रतिशत हो गई है।
प्रोथोम अलो के आर्टिकल में बताया गया कि पड़ोसी देश भारत में महंगाई दर 0.25 और श्रीलंका में 2.1 प्रतिशत है। दूसरी तरफ नेपाल में महंगाई दर विद्रोह समाप्त होने के बाद 1.47 प्रतिशत हो गई है।
दक्षिण एशिया में महंगाई दर में बांग्लादेश के करीब पाकिस्तान ही है, जहां मुद्रास्फीति दर 6.2 प्रतिशत है। भुटान और मालदीव में महंगाई दर क्रमश: 3.93 प्रतिशत और 3.87 प्रतिशत है।
आर्टिकल में कहा गया कि बांग्लादेश के आम नागरिकों को देश के बदतर आर्थिक हालातों के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। आय गिर रही और महंगाई में इजाफा हो रहा है। निजी सर्वेक्षण बताते है कि बांग्लादेश में गरीबी दर बढ़कर 28 प्रतिशत हो गई है। वहीं, सरकारी आंकड़ों में यह 2022 में 18.7 प्रतिशत थी।
आर्टिकल बताया गया कि बड़े प्रतिनिधिमंडल विदेश यात्रा कर रहे हैं। पुलिस की वर्दी बदलने में भारी खर्च हुआ है। इस बीच, लोगों के दैनिक खर्च लगातार बढ़ रहे हैं। उनकी आय में कोई खास वृद्धि नहीं हुई है। रोजगार बाजार सिकुड़ रहा है। कई लोग बैंकों से जमा राशि नहीं निकाल पा रहे हैं। नतीजतन, विश्वास कम हो रहा है। सरकार कानून-व्यवस्था को लेकर सख्त नहीं है। अस्थिरता और अनिश्चितता बनी हुई है। इस कारण जनता को महंगाई में तेज गिरावट की उम्मीद बहुत कम है।
जब अंतरिम सरकार ने कार्यभार संभाला था, तब सरकारी उधारी की सालाना वृद्धि दर 11.61 प्रतिशत थी। निजी क्षेत्र के ऋण की वृद्धि दर 9.86 प्रतिशत थी। अब सरकारी उधारी की वृद्धि दर बढ़कर 27.22 प्रतिशत हो गई है, जबकि निजी क्षेत्र की ऋण की वृद्धि दर घटकर 6.29 प्रतिशत रह गई है।
इससे पता चलता है कि सरकार अपने बजट घाटे को पूरा करने के लिए बैंकिंग प्रणाली से भारी मात्रा में उधार ले रही है। सरकारी राजस्व कम है, वहीं खर्च अधिक है। जून 2023 में, सरकार ने बजट घाटे को पूरा करने के लिए बैंकों से अब तक का सबसे अधिक लगभग 35 प्रतिशत उधार लिया है।
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Created On :   27 Nov 2025 2:50 PM IST












