कूटनीति: फिलीपींस के राष्ट्रपति मार्कोस भारत दौरे पर, रक्षा-व्यापार संबंध होंगे मजबूत

फिलीपींस के राष्ट्रपति मार्कोस भारत दौरे पर, रक्षा-व्यापार संबंध होंगे मजबूत
फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर मार्कोस जूनियर सोमवार को पांच दिवसीय राजकीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचेंगे। इस यात्रा का उद्देश्य भारत और फिलीपींस के बीच रक्षा और व्यापार संबंधों को मजबूत करना है।

नई दिल्ली, 4 अगस्त (आईएएनएस)। फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर मार्कोस जूनियर सोमवार को पांच दिवसीय राजकीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचेंगे। इस यात्रा का उद्देश्य भारत और फिलीपींस के बीच रक्षा और व्यापार संबंधों को मजबूत करना है।

2022 में पदभार ग्रहण करने के बाद यह उनकी पहली आधिकारिक भारत यात्रा है।

राष्ट्रपति मार्कोस सोमवार दोपहर नई दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरेंगे। उनके साथ प्रथम महिला लुईस अरनेटा मार्कोस और कैबिनेट मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों व व्यापारिक नेताओं का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल होगा। उनकी यह यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है, जिससे इसकी अहमियत और बढ़ जाती है।

इस यात्रा से रणनीतिक और रक्षा सहयोग, खासकर समुद्री क्षेत्र में और मजबूत होने की उम्मीद है।

यह ध्यान देने योग्य है कि फिलीपींस भारत की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली खरीदने वाला पहला विदेशी देश है। ब्रह्मोस मिसाइलों की पहली खेप 19 अप्रैल, 2024 को फिलीपींस को सौंपी गई।

इस यात्रा के दौरान समुद्री सुरक्षा पर केंद्रित रक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए एक समझौते की उम्मीद है। अपने इस दौरे के दौरान राष्ट्रपति मार्कोस 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर उनसे सोमवार को नई दिल्ली में मिलेंगे।

फिलीपींस के राष्ट्रपति के 8 अगस्त को भारत से रवाना होने से पहले बेंगलुरु जाने की भी संभावना है।

भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत की एक्ट ईस्ट नीति, विजन महासागर और इंडो-पैसिफिक रणनीति में फिलीपींस एक महत्वपूर्ण साझेदार है। दोनों देशों के बीच न केवल रणनीतिक हितों पर आधारित रिश्ता है बल्कि गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर भी आधारित है। तगालोग भाषा में संस्कृत के कई शब्द हैं और लैगुना कॉपरप्लेट शिलालेख तथा अगुसान तारा मूर्ति जैसे पुरातात्विक निष्कर्ष सदियों पुराने संबंधों को दर्शाते हैं।

भारत और फिलीपींस के बीच राजनयिक संबंध नवंबर 1949 में स्थापित हुए थे। 1992 में भारत की 'लुक ईस्ट नीति' और बाद में 'एक्ट ईस्ट नीति' के साथ दोनों देशों के संबंधों में काफी वृद्धि हुई, खासकर आसियान सहयोग के माध्यम से।

राष्ट्रपति मार्कोस और प्रधानमंत्री मोदी इससे पहले अक्टूबर 2024 में लाओस में 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान मिले थे। इससे पहले 2023 में जकार्ता में 20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में दोनों नेताओं ने मुलाकात की थी।

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Created On :   4 Aug 2025 8:45 AM IST

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